लक्षण हार्ट प्राब्लम के, निकला फेफड़े में ट्यूमर

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लखनऊ। प्राथमिक जांच में मरीज को दिल की बीमारी के लक्षण लग रहे थे। उसे सीने में दर्द, छाती में भारीपन व सांस में तकलीफ हो रही थी। सीढ़ियां चढ़ने पर सांस भी फूलने लगती थी। लक्षणों के आधार पर अलग- अलग डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन कहीं राहत नहीं मिली। कैंसर संस्थान पहुंचे मरीज का विशेषज्ञ डाक्टरों ने चेस्ट सीटी जांच कराने पर पता चला कि फेफड़ों (लंग) में ट्यूमर बन चुका था। डाक्टरों ने दुर्लभ थाइमिक कार्सिनोमा की पुष्टि की गयी। कैंसर संस्थान के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी करके मरीज को नया जीवन दिया है।

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लखनऊ के रहने वाले 50 वर्षीय मरीज को गंभीर हालत में चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान लेकर परिजन पहुंचे। यहां सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अंकुर वर्मा ने इलाज शुरू किया। सीटी स्कैन जांच में फेफड़ों के बीच छाती के सेंटर में बड़ी गांठ दिखी। ट्यूमर की पुष्टि के लिए बायोप्सी करायी गयी, तो मीडियास्टिनल थाइमिक कार्सिनोमा की पुष्टि हुई।

डा. वर्मा ने कि यह बेहद दुर्लभ है, जो सभी छाती के ट्यूमर का एक प्रतिशत से भी कम है।
डॉ. अंकु र ने बताया कि ट्यूमर मरीज की सांस की नली और प्रमुख वाहिकाओं पर प्रेशर डाल रहा था, जिससे मरीज को परेशानी हो रही थीं। उन्होंने जांच रिपोर्ट के आधार पर सर्जरी का निर्णय लिया। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि सर्जरी बेहद जटिल थी, क्योंकि ट्यूमर हार्ट, लंग और छाती के भीतर प्रमुख रक्त वाहिकाओं जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर प्रेशर बना रहा था। उन्होंने बताया कि लगभग तीन घंटे चली सर्जरी में विशेष तकनीक से प्रमुख नसों में चिपके ट्यूमर को हटाने में सफलता मिली। एनस्थीसिया की डॉ. अर्चना ने बताया कि श्वसन नली पर ट्यूमर के प्रभाव से बेहोशी देने के साथ ही उसका मैनेजमेंट करना कठिन था।

कैंसर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डा. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि सर्जरी के दो दिनों तक मरीज की गहन जांच में रखा गया। छह दिनों बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। संस्थान में कैंसर की दुर्लभ सर्जरी के लिए टीम को बधाई दी है। सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. अंकुर वर्मा के साथ डॉ. दुर्गेश कुमार, डॉ. अशोक कुमार सिंह और डॉ. अमित कुमार शामिल रहे।

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