लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में कोविड काल में तैनात किये गये संविदा कर्मचारियों की सेवाएं तीस जून को समाप्त हो गयी। इससे लगभग 5000 कर्मचारी बेरोजगार हो रहे है। इन कर्मचारियों ने शासन व स्वास्थ्य अधिकारियों से पुन: तैनाती की फरियाद की है।
कोरोना काल में प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में तत्काल इलाज के तहत नेशनल हेल्थ मिशन के लगभग सात हजार से अधिक आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की तैनाती की गयी। इसमें नर्स, लैब टेक्नीशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर, वार्ड ब्वॉय समेत अन्य पद शामिल किये गये थे, जो कि अस्पतालों में रिक्त पदों पर तैनात कर दिये गये। संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा का कहना है कि कोरोना काल समाप्त होने के बाद दो हजार से अधिक कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।
शेष बचे कर्मचारियों को दो से तीन बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है। उपमुख्यमंत्री ब्राजेश पाठक के निर्देश के बाद कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया गया था। कई बार कोरोना काल में तैनात कर्मचारियों को एनएचएम की अन्य योजनाओं में समायोजित करने की मांग की गयी, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पायी। तीस जून को सभी की संविदा खत्म हो गयी। पांच दिन गुजरने के बाद भी सेवा विस्तार का आदेश नहीं हो रहा है।
अब तो कर्मचारियों को काम से रोक भी दिया गया है। महामंत्री ने बताया कि शासन के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण हजारों योग्य व अनुभवी कर्मचारी बेरोजगार हो रहे है। यदि कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं मिला, तो विभिन्न जनपदों से कर्मचारी लखनऊ आकर प्रदर्शन करेंगे।