लखनऊ । उम्र जैसे जैसे बढ़ती है, साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव भी होने लगते हैं। तनाव की वजह से यह बदलाव और तेजी से होने लगते हैं। जिससे चेहरे और खास कर आंखों के नीचे गड्डे हो जाते हैं। ऐसे में महिला हो या पुरुष, उसकी उम्र भी अधिक पता चलने लगती है, लेकिन एक ऐसी तकनीक है, जिससे चेहरे की सुंदरता को बरकरार रखा जा सकता है।
इस तकनीक से मौजूदा उम्र में 5 से 10 साल का अंतर भी दिखाई पड़ता है। यानी लोगों की उम्र कम पता चलती है। इस तकनीक से करीब 100 लोगों का इलाज किया गया है। सभी को फायदा मिला है। यहां इलाज के लिए विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं। यह जानकारी पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक सर्जरी एंड बर्न विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजीव अग्रवाल ने दी है।
उन्होंने यह बताया कि फैट ग्राफ्टिंग के जरिये आंखों के नीचे और चेहरे पर होने वाले गड्डों को तो भरा ही जाता है। इस तकनीक से चेहरे की ढीली त्वचा और झुर्रियों को भी काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है।
जिससे उम्र बढ़ने की पहचान बताने वाले यह सभी लक्षण चेहरे पर दिखाई नहीं देंगे और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ेगा। प्रो अग्रवाल ने बताया कि पेट में मौजूद वसा के जरिये लोगों के चेहरे की सुंदरता बढ़ाने का कार्य किया जाता है। यानी की आंखों के नीचे और चेहरे पर होने वाले गड्डों, ढीली त्वचा और झुर्रियों को दूर किया जाता है। पेट में मौजूद वसा से इलाज के तरीके को ही फैट ग्राफ्टिंग तकनीक कहा जाता है। इस तकनीक में पेट के फैट को निकालकर, उसे फिल्टर किया जाता है, बाद में चेहरे पर होने वाले गड्डों, ढीली त्वचा और झुर्रियों वाले स्थान पर इंजेक्ट किया जाता है। यह तकनीक कारगर है। बीते तीन सालों में करीब 100 लोगों ने इसका फायदा उठाया है।