लखनऊ। स्तन कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे है। विशेषज्ञों ने चिंता की बात यह है कि कम उम्र की युवतियां भी स्तन कैंसर की चपेट में आ रही हैं,लेकिन नयी दवा ने स्तन कैंसर के इलाज को सरल बना दिया है। यह जानकारी केजीएमयू इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. आनंद मिश्र ने बुधवार को विभाग में पत्रकार वार्ता में दी।
डॉ. आनंद मिश्र ने कहा कि लखनऊ में द एसोसिएशन ऑफ ब्रोस्ट सर्जन ऑफ इंडिया की तरफ से दो से चार अगस्त के बीच स्तन कैंसर पर कार्यशाला हो रही है। इसमें देश-विदेश से लगभग 450 विशेषज्ञ एकत्र होंगे, जो इलाज की नयी तकनीक व दवाओं का अपडेट की जानकारी साझा करेंगे। केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी।
डॉ. आनंद ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार 1000 में 30 महिलाओं को स्तन कैंसर हो रहा है। पांच प्रतिशत महिलाओं में यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से होती है। उन्होंने कहा कि समय पर स्तन कैंसर के इलाज से किसी हद तक बीमारी समाप्त किया सकता है।
डॉ. अश्रय आनंद ने बताया कि स्तन कैंसर में अधूरा इलाज घातक साबित हो सकता है। इससे बीमारी के दोबारा आैर जटिल होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि सर्जरी के बाद स्तन के भीतर दोबारा गांठ पनप आए तो यह इलाज में चूक का कारण हो सकता है। बाकी शरीर के दूसरे अंगों में बीमारी फैलने का कारण ट्यूमर का गंभीर होना है। डॉ. कुलरंजन ने बताया कि तीन नयी दवाएं आ गयी हैं। इनकी खास बात यह है कि यह स्तन कैंसर की चौथी अवस्था में भी कारगर हैं। इससे बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।