शुक्रवार से ओपीडी सामान्य रूप से संचालित होगी।
लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के ”सकारात्मक निर्देशों”” के बाद कोलकाता में डाक्टर की हत्या व बलात्कार के विरोध में 10 दिनों से चल रही हड़ताल रेजीडेंट डाक्टरों ने बृहस्पतिवार को समाप्त कर दी। शुक्रवार को ओपीडी में मरीजों को सामान्य दिनों की भांति इलाज मिलेगा। इसके साथ ही भर्ती मरीजों को भी राहत मिलेगी। हड़ताल समाप्त होने से पीजीआई, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय व लोहिया संस्थान में गैर राज्यों व गैर जनपदों से आने वाले को अब ओपीडी में इलाज मिलने लगेगा। हालांकि रेजीडेंट हड़ताल समाप्त के बाद काम पर लौटने पर भी काला फीता बांध कर विरोध दर्ज करायेंेगें।
इससे पहले बृहस्पतिवार को सुबह केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान, कै सर संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों ने कामकाज ठप रखा। केजीएमयू की ओपीडी में सुबह से फैकल्टी डाक्टर्स ओपीडी में मरीजों को देखना शुरू कर दिया। पंजीकरण भी लगातार हो रहे थे। नये व पुराने मरीजों की लम्बी – लम्बी लाइन लगी हुई थी। इससे हड़ताल के दौरान पहली बार ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा 5429 पहुंच गया। इसमें नये 1450 मरीजों का पंजीकरण शामिल रहा, जबकि 3979 फालोअप पर मरीजों को डाक्टरों ने परामर्श दिया। मरीजों की सबसे ज्यादा भीड़ यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी, सर्जिकल आंकोलॉजी, सर्जरी आदि विभागों में लगी हुई थी।
यहां सुबह नौ बजे से ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टरों ने मरीजों को देखना शुरू कर दिया। इससे पहले रेजिडेंट डॉक्टरों ने पूरे केजीएमयू परिसर में मार्च निकालते हुए ओपीडी में भी गए, जम कर नारे बाजी व प्रदर्शन भी किया, लेकिन किसी भी कर्मचारी को काम करने से नहीं रोका गया।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि ओपीडी व भर्ती मरीजों को फैकल्टी डॉक्टर्स लगातार देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की सभी जांचें भी सामान्य दिनों की तरह ही विभागों में हुई। डा. के के सिंह का कहना है कि मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए लगातार प्रयास कि ये जा रहे है। उन्होंने बताया कि बांड के तहत तैनात डॉक्टरों ने वार्ड से लेकर ओपीडी तक में पूरी मेहनत से मरीजों का इलाज करने में लगे रहे।
वरिष्ठ डॉक्टर भी मरीजों के इलाज से लेकर आवश्यक सर्जरी में लगे रहे।
लोहिया संस्थान में ओपीडी सामान्य रूप से चली। लोहिया संस्थान प्रवक्ता डा. भुवन तिवारी ने बताया कि ओपीडी में 2358 मरीजों को परामर्श दिया। सभी विभागों के वरिष्ठ डाक्टर ओपीडी में मोर्चा सम्हालें थे। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों में कुल 35 सर्जरी की गयी। रेजिडेंट डॉक्टरों ने मार्च निकालकर नारेबाजी की, लेकिन कामकाज को बाधित नहीं कि या। उधर पीजीआई में 450 रेजीडेंट डाक्टर लगातार हड़ताल पर चल रहे थे।
सुबह पंजीकरण न होने पर लगभग एक हजार मरीज परेशान हो गये। पुराने मरीजों को ओपीडी में परामर्श दिया गया। प्रतिदिन चालीस से ज्यादा सर्जरी टली जा रही थी। रेजीडेंट डाक्टरों ने ब्लड डोनेशन करके विरोध दर्ज कराया। इससे पहले दिन भर रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल जारी रखते हुए धरना प्रदर्शन किया।