लखनऊ। रोड एक्सीडेंट में घायल मरीज को पानी नही पिलाना चाहिए। बल्कि करवट के बल लिटाना चाहिए।मरीज के सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए। यह बात ट्रामा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रेमराज ने नैपीकॉन कार्यशाला में दी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान साफ कपड़े से मुंह को साफ करना चाहिए। ताकि लार, ब्लड व अन्य गंदगी श्वसन नली में न चली जाए आैर फंसने से मरीज को दिक्कत न हो। ऐसा करने पर चालीस से पचास प्रतिशत तक घायलों को बचाया जा सकता है।
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा. हैदर अब्बास ने कहा कि सांप डसने के बाद शरीर पर किसी प्रकार का चीरा या डोरी से कस पर नहीं बाधना चाहिए। लोगों का भ्रम है कि चीरा लगाने से ब्लड के साथ जहर भी निकल जाएगा। इससे मरीज की हालत गंभीर भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सांप डसने के बाद लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते है। जो पहुंचते है वह लोग पहले चीरा टांका लगाकर आते है। रस्सी या कपड़े बांध
कर आते है।
यह मरीज के लिए घातक हो सकता है। सांप के डसने के बाद मरीज को जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचाना चाहिए। ताकि उसे एंटी स्कैन वेनम लगाकर जहर के असर को कम किया जा सके। मरीज को सीधा लिटाकर लाना चाहिए। इस दौरान मरीज के ब्लड प्रेशर पर ध्यान देना चाहिए।