जादू-टोन से बचें, मानसिक बीमारियों का इलाज कराएं: डा. देवाशीष

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-कैंसर संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम

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-संस्थान के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों ने प्रतियोगिता में लिया हिस्सा
-समय पर इलाज से 80 प्रतिशत तक ठीक हो सकती है बीमारी

लखनऊ। मानसिक बीमारियों की समय पर पहचान जरूरी है। समय पर इलाज से बीमारी पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। लेकिन अभी भी 30 से 40 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारियों को भूत-प्रेत का साया मानते हैं। पड़ोसी व रिश्तेदारों द्वारा कराए गए जादू-टोना व झाड़-फूंक का असर मानते हैं। जबकि हकीकत में जादू-टोना व भूत-प्रेत कुछ नहीं होता है। मानसिक बीमारी किसी को भी हो सकती है। यह बातें कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक व मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कही।

वह शनिवार को कैंसर संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि 80 से 90 प्रतिशत मानसिक बीमारियां समय पर इलाज से पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं। जबकि 10 से 20 प्रतिशत बीमारियां इलाज व जीवनशैली से काबू में आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोग इलाज से ज्यादा दुआ-ताबीज पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मेंटल हेल्थ कार्यक्रम के तहत दवा से दुआ तक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। जिसमें मरीजों को दवा के साथ दुआ कराने से नहीं रोकता है।

कार्यालय में सहयोग की भावना से काम करें
डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम कार्यालय के माहौल पर केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर अपने सहयोगियों की मनोदशा को समझे। किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आने पर मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं। साथ ही कार्यालय का स्वस्थ्य माहौल रखें। एक दूसरे में सहयोग की भावना विकसित करें। मिलजुल कर काम करने के लिए प्रेरित करें। लिंग भेद से भी बचें। कार्यक्रम में डीन डॉ. सबुही कुरैशी, रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।

प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर कैंसर संस्थान में जागरुकता कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर कई तरह की प्रतियोगिताएं हुई। जिसमें संस्थान के डॉक्टर, पैरामेडिकल, नर्सिंग व अन्य श्रेणी के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर नाहिद, द्वितीय शीतल और मानसी तीसरे स्थान पर रहीं। पोस्टर प्रतियोगिता में विकास कुमार प्रथम, शैली दूसरे व डॉ. अंजनि तीसरे पायदान पर रहीं। निबंध प्रतियोगितों में जाग्रति तिवारी पहले, सोनल दूसरे, डॉ. अभिषेक कुमार पांडेय और डॉ. पुष्कार तीसरे स्थान पर रहे। पॉट डेकोरेशन प्रतियोगिता में शालिनी गौतम को प्रथम, शिवानी दूसरे और पिंकी तीसरे स्थान पर रहीं।

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