लखनऊ। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च द्वारा हाल ही में किए गए रिसर्च से पता चला है कि भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं। डायबिटीज खास करके टाइप 2 अक्सर लाइफस्टाइल संबंधी आदतों की वजह से होती है। विश्व डायबिटीज दिवस मरीजों को उन सरल उपायों के बारे में शिक्षित करता है जिन्हें अमल में लाकर वे कॉम्प्लिकेशन को रोक सकते हैं।
पीडियाट्रिक एंडो डॉ. नेहा अग्रवाल ने बताया कि बेहतर जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से मरीजों को सशक्त बनाना डायबिटीज की रोकथाम और मैनेजमेट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें शुरुआती पहचान पर ध्यान केंद्रित करने और लाइफस्टाइल में ऐसे बदलावों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ,जो गंभीर डायबिटीज की वजह से होने वाली गंभीर कॉम्प्लिकेशन को रोकने में मदद कर सके।
डायबिटीज एक लॉन्ग टर्म बीमारी है, जो ब्लड शुगर को रेग्यूलेट करने के लिए शरीर के सिस्टम को प्रभावित करती है और हृदय की बीमारियां, किडनी डैमेज, और दृष्टि हानि और तंत्रिका संबंधी जटिलताओं जैसी गंभीर और कभी-कभी जानलेवा बीमारियों का कारण बनती है। टाइप वन डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है , जबकि टाइप 2 डायबिटीज खराब खानपान, एक्सरसाइज की कमी और मोटापे के कारण होती है।