क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट में शामिल हो गए बिस्तरों बेड से कम क्षमता के अस्पताल
लखनऊ। प्रदेश के 50 बिस्तरों से कम क्षमता के अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों पर क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण कराने में बड़े अस्पतालों की तरह इन पर भी शर्त लागू कर दी गयी है। इसके तहत अस्पताल के बाहर 15 स्क्वॉयर फिट के डिस्प्ले बोर्ड पर अस्पताल के पंजीकरण नंबर से लेकर अस्पताल में संबद्ध डाक्टर व अन्य उपलब्ध सुविधाएं सार्वजनिक करनी होगी।
क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत छोटे अस्पतालों के पंजीकरण व नवीनीकरण के संशोधित नियम का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में स्पष्ट किया है कि 50 बिस्तरों से कम क्षमता के हॉस्पिटल और नर्सिंग होम क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट के दायरे में रहेंगे। नये नियम में पचास बिस्तर से कम क्षमता के अस्पतालों को पांच वर्ष के लिए पंजीकरण कराने के लिए पांच गुने तीन स्क्वॉयर फीट का डिस्प्ले बोर्ड अस्पताल के बाहर लगाना होगा। इनमें डाक्टरों के नाम के साथ पंजीकरण नंबर,अस्पताल संचालक का नाम, उपलब्ध बिस्तरों की संख्या, उपलब्ध दवाओं की पैथी और अस्पताल में उपलब्ध अन्य सेवाओं की जानकारी देनी होगी। बोर्ड पर दी गयी जानकारी आसान भाषा में होगी, जिसे लोग आसानी से लोग समझ सकें।
नये नियमानुसार बोर्ड का बैकग्राउंड पीला एवं काले रंग से हिन्दी अक्षर में होगा। यह बोर्ड अस्पताल के मेन गेट पर लगाया जाएगा। यही नियम पांच साल बाद नवीनीकरण कराने वाले अस्पतालों पर भी लागू होगा। बताते चले कि आईएमए के विरोध के चलते 50 बेड से कम क्षमता के अस्पताल और पैथोलॉजी को क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट से बरी रखा गया था। नये नियम इंडोर चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान करने वाले अस्पतालों पर लागू किये गये है।