फिजियोथैरेपी को फिजियोपैथी करने का प्रस्ताव

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सीएचसी और पीएचसी में की तैनात होंगे फिजियोथैरेपिस्ट

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लखनऊ। डिप्टी सीएम ब्राजेश पाठक ने फिजियोथेरेपी से काफी बीमारियों को ठीक करने में सहायता मिलती है। यह चिकित्सा का अभिन्न अंग बन गया है। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी को फिजियोपैथी का दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके अलावा बीमारियों के इलाज में सहयोग के लिए जल्द ही फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती सीएचसी और पीएचसी में की तैनाती करने का प्रस्ताव है, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा मिल सके आैर फिजियोथेरेपिस्ट को रोजगार का अवसर मिल सकेगा। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ने स्मारिका का भी विमोचन किया।

डिप्टी सीएम रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी सांइटिफिक कंवेंशन सेंटर में आयोजित यूपीकॉन-2024 कॉन्फ्रेंस में सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में लगभग 600 फिजियोथेरेपिस्ट ने भाग लिया। इस कॉन्फ्रेंस में फिजियोथेरेपी की नवीन तकनीक पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने मायोफे शियल पेन स्ंिाड्रोम पर जानकारी देते हुए कहा कि एक दीर्घ कालिक दर्द की स्थिति है। इसमें मांस पेशियों आैर ऊतक शामिल होते है। जो कि मांसपेशियों को अपनी जगह पर रखता है। इन क्षेत्रों का ट्रिगर प्वांइट दर्द का कारण बनता है। इसमें कुछ दवाओं के अलावा फिजियोथेरेपी से आराम मिलता है।


डॉ.सुदीप सक्सेना और डॉ. संजय शुक्ला के नेतृत्व में इण्डियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी के अध्यक्ष डॉ.एसके.झा ने डिप्टी सीएम से फिजियोथेरेपी को फिजियोपैथी का दर्जा दिलाने की मांग की। जिस पर डिप्टी सीएम ने इसके लिए प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया है। एसजीपीजीआई के डॉ. राजेंद्र ने कहा कि आईसीयू में फिजियोथेरेपी की आधुनिक तकनीक से मरीजों को अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। वहीं एसजीपीजीआई के डॉ. ब्राजेश ने बताया कि इस तरह की कॉन्फ्रेंस से नई तकनीकों की जानकारी मिलती है।

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