ब्लड कैंसर में नयी दवाएं कारगर : ए के त्रिपाठी
ए. पी.आई. लखनऊ ब्रांच का सम्मेलन
बिना परामर्श एंटीबायोटिक ही किसी दवा का सेवन हो सकता है नुकसान दायक
लखनऊ। हाइपोग्लाइसीमिया में ब्लड में शुगर कम हो जाती है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो मरीज को कई दिक्कत हो सकती है। इसे लो ब्लड शुगर के रूप में जाना जाता है आैर इसका समय पर इलाज करना आवश्यक होता है। यह जानकारी डा. मंगेश ने एसोसिएसन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया (ए. पी.आई.) लखनऊ ब्राांच का सम्मेलन में दी। इस सम्मेलन को लखनऊ एवं आस पास के शहरों के डाक्टरों को चिकित्सक स्नातकोतरों के नये अपडेट व अन्य जानकारी देने के लिए आयोजित किया गया। सम्मेलन में 350 सदस्यों से भी ज्यादा विशेषज्ञ डाक्टरों ने भाग किया। कार्यशाला का भी अलग- अलग विषयों पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
डा. मंगेश ने कहा कि डायबिटीज बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इसमें शुगर का बढ़ने के अलावा कम शुगर होने की समस्या भी लोगों में होती है। डा. समीर ने कहा कि किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर डाक्टर के परामर्श पर ही एंटीबायोटिक व अन्य दवाओं का सेवन करना चाहिए। कई बीमारियों के लक्षण मिलते जुलते है, ऐसे में दवा का रिएक्शन खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही डॉ. अगम वोहरा ने वयस्कों में टीकाकरण के दिशा निर्देशों को 2024 के केन्द्रीय विचारो को साझा किया।
हीमोटोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. ए. के. त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान मे ब्लड कैंसर (सी. एम. एल.) के उपचार के बारे में बताया। उन मरीजो में चिकित्सा के बिना स्थिति गंभीर हो सकती है। इस सम्मेलन के सेक्ररेटरी डा. निरुपम प्रकाश ने वयस्क लोगो में टीकाकरण के दिशा निर्देशों को 2024 के ऊपर टीकाकरण पर जानकारी दी।
डॉक्टर निरुपम प्रकाश ने कहा कि लखनऊ (ए. पी. आई.) ब्लडशुगर (डायबिटीज), मोटापा व ह्रदय रोग से सम्बंधित बीमारियों के उपचार के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्मेलन में डॉ सी. जी. अग्रवाल , डॉ आर. के. सरन, डॉ. अतुल मेहरोत्रा के अलावा डॉ. आर. सी. आहूजा , डॉ. अशोक चंद्रा डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. पुनीत मेहरोत्रा, डॉ. आर पी एल्हेंस, डॉ. राकेश जलोटा व डॉ. एम. सी. श्रीवास्तव मौजूद थे ।