लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के तमाम दावों के बाद भी इमरजेंसी समेत कुछ अन्य फार्मेसी में सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगेे हैं। मिली भगत कहे या लापरवाही इतनी कि इमरजेंसी व दूसरी फार्मेसी में दवाओं की धांधली और बाहरी लोगों की गतिविधियों पर नजर नहीं रखी जा पा रही है। जीवनरक्षक महंगी दवाओं की घोटाले पर नजर लगाने के लिए अब संस्थान के जिम्मेदारी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही इमरजेंसी
समेत दूसरी फार्मेसी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कड़ी निगरानी में मरीजों को दवा वितरण काम किया जाएगा।
लोहिया की इमरजेंसी फार्मेसी में ही दवाओं की घपलेबाजी व दूसरी गड़बडि़यों की अधिक लिखित शिकायतें संस्थान के अधिकारियों को मिलती रही हैं, लेकिन इसके बाद भी लापरवाह अधिकारियों ने अभी तक वहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये। यही नहीं कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों ने तो महिला फार्मासिस्ट पर अभद्र करने की आदि की लिखित शिकायत तक की है। इसके अलावा स्थायी सीनियर फार्मासिस्ट को इमरजेंसी फार्मेसी में तैनात नहीं किया गया है।
इमरजेंसी की जिम्मेदारी आउटसोर्स महिला फार्मासिस्ट को दे रखा है, जबकि आउटसोर्स पर ही दूसरी फार्मासिस्ट 10-12 वर्ष से संस्थान में ड्यूटी कर रहे और वरिष्ठ भी हैं। संस्थान में स्थायी फार्मासिस्टों की भर्ती भी होने के बाद भी पुराने और नए स्थायी सीनियर फार्मासिस्टों को लोहिया की तमाम दूसरी फार्मेसी में तैनात कर रखा गया है।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह का दावा है कि अब इमरजेंसी समेत दूसरी उन सभी फार्मेसी को सीसीटीवी कैमरों से लगाया जाएगा, जहां कैमरे नहीं लगे हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए टेंडर कर दिया गया है।