टेबलेट नहीं, एक इंजेक्शन से कंट्रोल होगा कोलेस्ट्रॉल

0
78

हार्ट अटैक होने पर तुरंत मुंह 325 मिलीग्राम एस्पिरिन लेकर चबाएं

Advertisement

लखनऊ ।भारत में कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन के तीसरे दिन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. सुब्रतो मंडल और डॉ. सुनील कुमार मोदी ने बताया कि उच्च कोलेस्ट्रॉल की अनदेखी करना जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। आधुनिक जीवनशैली और आहार सीधे तौर पर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। हृदय रोगियों में अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण है। खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को सौ मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल)) को 40 मिली ग्राम से ऊपर बनाए रखना चाहिए। किसी का खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) 190 मिलीग्राम से अधिक हो तो दवा की आवश्यकता होती है।

हर छह महीने में एक सिंगल इंजेक्शन पी.सी.एस. के 9 इनहिबिटर्स के माध्यम से उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. टाइनी नायर और डॉ. एच.के. चोपड़ा ने बताया कि दो दवाओं के संयोजन का उपयोग रक्तचाप को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है।
‌‌मेदांता दिल्ली के डा. प्रवीन चंद्रा ने बताया कि भारतीयों को पश्चिमी देशों के मुकाबले इस रोग का अधिक खतरा है, जो आनुवंशिकी और आधुनिक जीवनशैली के कारण है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे जैसे जोखिम तत्वों को नियंत्रित कर हृदय रोगों को काफी हद तक रोका जा सकता है। डॉ. नलिन सिन्हा ने बताया कि विभिन्न जोखिम स्कोर भविष्य में होने वाले हार्ट अटैक की संभावना का सही तरीके से अनुमान लगा सकते हैं।

डेनमार्क के डॉ. नॉर्डेसगार्ड ने वैश्विक स्तर पर हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों पर चर्चा की और इस महामारी से निपटने के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया; अन्यथा, स्वास्थ्य सेवाएं इसे संभालने में संघर्ष करेंगी।फोर्टिस, नई दिल्ली के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक सेठ ने हृदय विफलता और हार्ट अटैक के लिए नई तकनीकों के बारे में बात की। लंदन के डॉ. रॉक्सी सीनियर ने बताया कि हार्ट अटैक होने पर मरीज तीन घंटे (गोल्डन आवर्स) के भीतर पहुंच जाता है और एंजियोप्लास्टी कराई जाती है, तो दिल को न्यूनतम नुकसान होता है।

हार्ट अटैक का अनुभव करने वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत 325 मिलीग्राम का एस्पिरिन चबाना चाहिए और अस्पताल जाना चाहिए।
पोस्टग्रेजुएट छात्र डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि सामान्य ईसीजी होने के बावजूद, विभिन्न रक्त परीक्षण यह संकेत दे सकते हैं कि मरीज ने हार्ट अटैक हुआ है। डॉ. करण ने बताया कि कभी-कभी ईसीजी परिवर्तन को प्रकट होने में समय लगता है, इसलिये ऐसे मामलों में लक्षण पहचानना महत्वपूर्ण है।

सम्मेलन के मुख्य आयोजक डॉ. सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि सम्मेलन के दौरान कई नई तकनीकों पर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश अध्याय के सदस्य, जिनमें डॉ. एस.के. द्विवेदी, डॉ. आदित्य कपूर, डॉ. नवीन गर्ग, डॉ. ऋषि सेठी, डॉ. सरद चंद्र, डॉ. रूपाली खन्ना, डॉ. भवत तिवारी, डॉ. अवधेश शर्मा, और डॉ. अंकित साहू ने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।

Previous articleअसहनीय दर्द में रीजेनरेटिव थेरेपी कारगर : डा. अनिल
Next articleमोटापा … पुरुषों व महिलाओं की कमर इससे ज्यादा नहीं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here