लखनऊ। शिशुओं में जन्मजात यूरीन व किडनी संबंधी परेशानियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लक्षण दिखते ही तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। समय पर इलाज से शिशुओं को बीमारी से निजात दिलाया जा सकता है। यह बात केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. जेडी रावत ने शुक्रवार को केजीएमयू के न्यू ओपीडी भवन में पीडियाट्रिक सर्जरी डे पर जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
डॉ. रावत ने बताया कि बहुत से शिशुओं को यूरीन पेशाब से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारी के साथ पैदा होती हैं। इन बीमारियों में पेशाब का रास्ता निश्चित स्थान पर न होना, अविकसित अण्डकोष, कि डनी की सूजन आदि शामिल हैं।
डॉ. जेडी रावत ने बताया कि बच्चों में पेशाब संबंधी किसी भी प्रकार की परेशानी या लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। ऐसे बच्चों में बीमारी का इलाज समय पर जरूरी है। अत्याधुनिक उपकरणों जैसे लैप्रोस्कोप, सिस्टोस्कोप, इन्डोस्कोप आदि से सर्जरी किया जा सकता है, जो सुरक्षित है। मरीज जल्द से जल्द रिकवर हो जाता है।
कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. एसएन कुरील, डॉ. अर्चिका गुप्ता, डॉ. आनन्द पांडेय, डॉ. सुधीर सिंह, डॉ. नितिन पंत, डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. राहुल कुमार राय समेत सभी रेजीडेन्ट एवं विभाग के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में इलाज के लिए आये सभी बच्चों को खिलौने एवं उपहार दिए।