लखनऊ। एचएमपीवी वायरस संक्रमण से अभी तक ज्यादातर बच्चों में मिल है। माना जाता है कि खतरा छोटे बच्चों पर ज्यादा होना बताया जा रहा है। बाल रोग विशेषज्ञ का कहना है कि घर में नवजात शिशु या बच्चें है तो सावधानी बरतनी चाहिए , पैनिक नहीं होना चाहिए। विशेेषज्ञों की मानें तो एचएमपीवी वायरस का संक्रमण होने पर सामान्य वायरल जैसे ही दिखते है। छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम होता है तो डाक्टर की सलाह से दवा ले।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. आशुतोेष कहना है कि पहले एचएमपीवी को लेकर कोई भी अभिभावक परेशान न हो। सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है। बच्चों में अगर सर्दी- जुकाम सामान्य दवा देने के बाद भी दस दिन से ज्यादा होने पर ठीक न हो रहा हो, खांसी लगातार बनी रहें। इसके अलावा बुखार भी हो तो डाक्टर से परामर्श के बाद ही जांच कराये या दवा लें। जरूरी नहीं एचएमपीवी का संक्रमण हो। जकड़न ठीक न होने पर निमोनिया व वायरल निमोनिया होने की संभावना हो सकती है। उन्होंने बताया कि अगर घर में छोटे बच्चें है तो किसी के भी सर्दी जुकाम व खांसी होने पर बच्चों से दूरी बनाये आैर मास्क लगाये। बच्चों को भी स्कूल मास्क लगाना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को खास कर नवजात व छोटे बच्चों को भीड़- भाड़ वाले जगहों पर न लें जाए।
डा. आशुतोष ने बताया कि दो वर्ष या छोटे बच्चें अगर दूध पीना बंद कर दें। सुस्त हो जाए, सांस लेने में दिक्कत महसूस हो आैर नथुने फूलाने लगे। इसके अलावा बुखार भी आैर कम न हो रहा हो। विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श के बाद ही इलाज करें।
उन्होंने बताया कि सावधानी बरतना ही विकल्प है। यह कोई नया वायरस कई वर्षो से बना हुआ है।