बच्चों को बस इतना ही पढ़ाइये कि आप की लाश लावारिस न हो जाए-डॉ.कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी
लखनऊ। श्री मद भगवद् फ़ाउण्डेशन एवम् नारायण बाल विद्या मन्दिर समिति के तत्वावधान में आयोजित दिव्य प्रवचन माला में मनकामेश्वर,शनि हनुमान मन्दिर प्रांगण सुरेन्द्र नगर लखनऊ में प्रवचन करते हुए डॉ.कौशलेन्द्रजी ने ऐसा क्या बोल दिया की सबकी आँखें नम हो गई .
कौशलेन्द्र जी ने कहा कि बेटा बेटियों को इतना ही पढ़ाना की कि वे संस्कार वान हो आज्ञाकारी हो आपकी बात माने और बुढ़ापे में आपका साथ दें नशा ना करे दुर्गुण से दूर रहे और संस्कार तभी आएगा । जब संस्कृत की शिक्षा से इनको जोड़ा जाय आज जगत में एक ऐसी ही परम्परा चल पड़ी है.
लोग बच्चों को काण्वेंट स्कूल में पढ़ाते है और संस्कार गुरुकुल वाला चाहते है,जो की संभव ही नहीं था,क्या कमी थी श्री नाथ खंडेलवाल के जीवन में पढ़ाई ज्ञान या सम्पत्ति में पढ़ाई यह थी कि 400 से अधिक किताब लिखा । ज्ञान इतना था कि पद्मश्री वापस किया,धन इतना था कि कुछ भी कर सकते थे
नहीं था तो सिर्फ बच्चों में संस्कार जिसका आज यह नतिजा है ।