लखनऊ। ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे जन जागरूकता और इसकी रोकथाम पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक हो गया है। अनुमान के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 2 लाख नए ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिसका मतलब है कि हर चार मिनट में एक नया मरीज इस बीमारी से ग्रसित हो रहा है।
ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए प्रभावी जोखिम-निवारण रणनीतियाँ अपनाना आवश्यक है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण स्वस्थ जीवनशैली है। अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, जिससे वजन प्रबंधन महत्वपूर्ण हो जाता है। शरीर में अधिक वसा एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे असामान्य ब्रेस्ट सेल वृद्धि को बढ़ावा मिलता है, खासकर रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद की महिलाओं में। एक आदर्श वजन बनाए रखना—जो कि ऊंचाई (सेंटीमीटर में) माइनस 100 के बराबर होना चाहिए—इस जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत के ऑन्कोलॉजी विभाग के सीनियर डायरेक्टर, डॉ. देवव्रत आर्या ने बताया कि “नियमित शारीरिक गतिविधि ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए एक और महत्वपूर्ण उपाय है। व्यायाम न केवल वजन नियंत्रण में सहायक होता है, बल्कि उन हार्मोनों को भी संतुलित करता है, जो कैंसर के विकास से जुड़े होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सप्ताह में कम से कम 300 मिनट की मध्यम गतिविधि लाभकारी होती है, हालांकि केवल नियमित रूप से टहलना भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि न करने की तुलना में कोई भी व्यायाम करना बेहतर है।
स्वस्थ आहार भी ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पारंपरिक भारतीय आहार जिसमें ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले मांस शामिल होते हैं, लाभदायक होता है। इसके विपरीत, प्रोसेस्ड फूड और अस्वास्थ्यकर वसा से बचना चाहिए। फैड डाइट से बचना और कुल कैलोरी सेवन की निगरानी करना भी अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।
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ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाना और इन निवारक उपायों को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह और भी आवश्यक हो गया है कि लोग अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और एक सूचित जीवनशैली अपनाकर ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करें।
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