जीवन दायिनी बनी योगी सरकार की एंबुलेंस सेवा 108 और 102

0
45

*- पिछले आठ वर्षों में 13 करोड़ से अधिक मरीजों को समय पर उपलब्ध कराया गया इलाज*

Advertisement

*- गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिये वरदान साबित हुई 102 एंबुलेंस सेवा*

*- एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में हुआ सुधार तो प्रदेश में मातृ और शिशु के मृत्यु अनुपात में आई गिरावट*

लखनऊ। योगी सरकार के प्रयासों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में उभर कर सामने आयीं हैं। इसमें योगी सरकार की एंबुलेंस सेवा 108, 102 और एएलएस प्रदेशभर के मरीजों के लिए जीवन दाायिनी साबित हुई है। पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार की एंबुलेंस सेवाओं ने 13 करोड़ 26 लाख से अधिक मरीजों, गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को अापातकालीन परिस्थितियों में समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा उन्हे संकट की घड़ी से उभारा है। यही वजह है कि प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में मातृ और शिशु मृत्यु दर में काफी गिरावट दर्ज की गयी है। इतना ही नहीं इन एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में खासा सुधार हुआ है।

*पिछले अाठ वर्षों में 9 करोड़ से अधिक लोगों ने उठाया 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ*
एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि सीएम योगी के नेतृत्व में वर्तमान में प्रदेशभर में आकस्मिक परिस्थितियों, गंभीर मरीजों, गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए कुल 4,845 एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं। इसमें 102 एंबुलेंस सेवा में 2,270, एएलएस एंबुलेंस सेवा में 375 और 108 एंबुलेंस सेवा में 2,200 एंबुलेंस शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में एंबुलेंस सेवा 108 (इमरजेंसी मेडिकल ट्रांसपोर्ट सर्विसेज) द्वारा आकस्मिक परिस्थितियों में 3,57,24,745 मरीजों को सहायता प्रदान की गयी है। सेवा का सबसे बड़ा लाभ इसका रिस्पांस टाइम है, जिसे योगी सरकार ने वर्ष 2014 के 28.12 मिनट से घटाकर 2025 में मात्र 7.25 मिनट कर दिया गया है। वहीं गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए एंबुलेंस सेवा 102 (मदर एंड चाइल्ड सर्विसेस) किसी वरदान से कम नहीं है। पिछले आठ वर्षों में 102 एंबुलेंस सेवा के जरिये 9,62,48,151 रोगियों को लाभ पहुंचाया गया है।

इसी सेवा का वर्ष 2014 में जहां औसत रिस्पांस टाइम 19.10 मिनट था, वहीं 2025 तक इसे घटाकर 6.58 मिनट कर दिया गया।

*एंबुलेंस सेवा 102 से मातृ एवं शिशु मृत्यु अनुपात में आयी कमी*
योगी सरकार की एंबुलेंस सेवा 102 मातृ एवं शिशु मृत्यु अनुपात को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एसआरएस) के अनुसार वर्ष 2015-17 में प्रदेश की मातृ मृत्यु अनुपात 216 प्रति लाख दर्ज की गयी थी, जो कम हो करके वर्ष 2018-20 में 167 प्रति लाख पहुंच गयी है। इसी तरह वर्ष 2016 में प्रदेश की शिशु मृत्यु अनुपात 23 प्रति हजार दर्ज की गयी थी, जो कम हो करके वर्ष 2022 में 21 प्रति हजार पहुंच गयी है।

*एएलएस एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम हुआ 6.31 मिनट*
प्रदेश में 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (एएलएस) सेवा द्वारा 7,14,552 अति गंभीर मरीजों को लाभ पहुंचाया गया है। वहीं हाल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एएलएस एंबुलेंस सेवा में 125 नयी एंबुलेंस को शामिल किया है। इसी सेवा का वर्ष 2014 में जहां औसत रिस्पांस टाइम 30 मिनट था, वहीं 2025 तक इसे घटाकर 6.31 मिनट कर दिया गया। बता दें कि योगी सरकार द्वारा लगातार इन सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है।

Previous articleकैंसर की जांच के लिए ‘एचपीवी डायग्नोस्टिक किट” तैयार
Next articleपहलगाम में आंतकी हमले के विरोध में Kgmu डाक्टर्स ने निकाला शांति मार्च

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here