लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इमरजेंसी ट्रामा सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने छाती के आर-पार धंसी लोहे की मोटी रॉड सर्जरी कर मरीज की जान बचाकर नयी जिंदगी दे दी है। अयोध्या के समीप बस एक्सीडेंट में घायल क्लीनर की छाती में लोहे की मोटी रॉड घुस कर आर-पार होने से फेफड़े की दीवार फट गयी थी। तित्ली और आंतें भी डेमेज थीं। खून से लथपथ, गंभीर हालत में युवक को पुलिस केजीएमयू इमरजेसी ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंची थी।
कौशांबी निवासी रज्जन बस में बतौर कंडक्टर हैं। उसकी बस 22 जून को सुबह 2:15 बजे अयोध्या के समीप जा रही थी, इस बीच सामने से आ रही एक ट्रक से बस की टक्कर हो गयी। टक्कर के दौरान कंडक्टर रज्जन की छाती में लोहे की मोटी रॉड धंस गयी। इस कारण तेजी से ब्लड फ्लो होने लगा। मौके पर पहुंची पुलिस व बस सवार उसे लेकर अयोध्या के बीकापुर स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज तो दिया, लेकिन मरीज की हालत गंभीर बताकर अयोध्या जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अयोध्या जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के बाद हालत नाजुक बताते हुए मरीज को केजीएमयू के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर ले जाने के लिए कहा।
गंभीर हालत में मरीज को गंभीर अवस्था में इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया। यहां कैजुअल्टी में डॉक्टरों ने जरूरी जांच करायी। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. नरेंद्र कुमार मौके पहुंचें, इस बीच मरीज बेहोश हो चुका था। सांस लेने में दिक्कत होने के साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का स्तर भी कम था। विशेषज्ञ डॉ. समीर मिश्र का कहना है कि जांच में पता चला कि मरीज के फेफड़े व उसकी दीवार (डायफ्रॉम) फट चुकी है। तिल्ली, आंत समेत दूसरे अंगों को नुकसान हुआ था। ब्लीडिंग काफी हो गयी थी। सर्जरी के दौरान मरीज को दो यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। तीन घंटे चले ऑपरेशन में मरीज की रॉड निकाली गई। क्षतिग्रस्त अंगों को दुरुस्त किया गया।
डॉ. नरेंद्र का कहना है कि बेहोशी की हालत में लाए गए मरीज को सर्जरी के बाद वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया। शुक्रवार को दोपहर बाद मरीज का वेंटिलेटर हटा दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज खतरे से बाहर है।