न्यूज। अंडे के फंडे तो सभी लोग जानते हैं, लेकिन आज तक आपने जो अंडे देखे होगे वो बाहर से सफेद और अंदर से पीली जर्दी वाले ही खाते रहे होंगे, लेकिन केरल के मल्लारपुर के एक फार्म में मुर्गियां आज-कल हरी जर्दी वाले अंडे दे रही हैं। इसे देखकर हर कोई हैरान है। लोग इन्हें खरीदने के लिए उत्सुक है। वहीं वैज्ञानिक इसे देखकर अचंभित है और ऐसा कैसे हुआ इसपर शोध कर रहे हैं।
बता दें यह घटना केरल मल्लापुरम के कोट्टाकल में स्थित ने शिहाबुद्दीन पॉल्ट्री फार्म में यहां सात मुर्गियां ऐसी हैं जो हरी जर्दी वाला अंडा देती हैं, जबकि सामान्य अंडों में जर्दी का रंग पीला होता है। सोशल मीडिया से लेकर अन्य जगहों पर चल रही खबरों के अनुसार, यह मुर्गियां सामान्य से थोड़ी छोटी हैं। इसके अलावा इनमें कुछ खास नहीं है। अंडों की जर्दी का हरा रंग नहीं बदलता फिर चाहे वो कच्चा अंडा हो या पका हुआ। बताया जाता है यह सब केरल के इस फार्म में 9 महीने पहले शुरू हुआ था। तब एक मुर्गी ने हरे रंग की जर्दी वाले अंडे देना शुरू किया था। इसके बाद फार्म के मालिक शहाबुद्दीन ने कुछ अंडों से चूजे निकलने का इंतजार किया, ताकि अगर कुछ अलग हो तो देखा जा सके । लेकिन इसमें कुछ अलग नहीं दिखा था इन हरी जर्दी वाले अंडों से सामान्य रंग के चूजे निकले।
अंडों की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों और यहां तक कि विदेशों में भी लोगों ने शिहाबुद्दीन से इसके बारे में जानने के लिए संपर्क किया। हाल ही में केरल वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (KVASU) के वैज्ञानिकों ने विशेष मुर्गियों और अंडों पर एक अध्ययन शुरू किया।लगभग नौ महीने पहले शिहाबुद्दीन ने पाया कि उनके एक मुर्ग द्वारा बिछाये गये अंडे में हरे रंग की जर्दी थी। न तो उसने और न ही उसके परिवार ने इसका सेवन किया क्योंकि वे सोचते थे कि यह सुरक्षित होगा। इसके बजाय, उसने मुर्गी द्वारा बिछाए गए कुछ अंडों को रचा। दिलचस्प बात यह है कि नए मुर्गों ने भी हरे अंडे देना शुरू कर दिया था। लेकिन बाद में बताया जाता है मुर्गी के अंडे हरे देने का कारण चारा था वैज्ञानिकों ने अपनी देखरेख में मुर्गियों की खाने की डाइट बदली तो वह पीली जल्दी वाला अंडा देने लगे।
आओ बताएं… हरे अंडे का फंडा
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