किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में आग की घटना में अभियंता, इंजीनियर व फार्मासिस्ट के निम्बलन के बाद किसी भी कुलपति, कुलसचिव व ट्रामा सेंटर प्रभारी आदि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नही होने से बवाल मच गया है। केजीएमयू के कर्मचारी आक्रोशित हो गये है। कर्मचारी परिषद ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि कार्रवाई में भेद भाव किया गया है। अब आंदोलन किया जाएगा। उधर अधिशाषी अभियंता व इंजीनियर के निलम्बन के बाद अब काम करने का संकट बन गया है।
केजीएमयू प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर कार्य करवाने के लिए तैनाती की मांग की है। केजीएमयू में शासन ने कल जांच रिपोर्ट के बाद छह लोगों को निलम्बित कर दिया था। इनमें अधिशासी अभियंता , इंजीनियर व फार्मासिस्ट है। इनके निलम्बन के बाद आज कर्मचारी परिषद के आग की घटना में अन्य दोषी लोगों पर कार्रवाई न होने पर आक्रोश प्रकट किया है। परिषद अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि आग की घटना में बड़े जिम्मेदार केजीएमयू कुलपति, कुलसचिव व ट्रामा सेंटर प्रभारी पर क्यों कार्रवाई नहीं की गयी।
उनका आरोप है कि वर्ष 2006 के बाद अभी तक एक बार भी मॉक ड्रिल नहीं किया गया। इसके साथ ही अभियंताओं व फार्मासिस्टों ने लगातार पत्राचार करके दवा स्टोर बदलने के लिए कहा, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके अलावा विभागों, बिस्तरों की संख्या के सापेक्ष अभियंता व अन्य तकनीकी कार्य के लोग नहीं के बराबर है। महामंत्री प्रदीप गंगवार ने बताया कि लगातार केजीएमयू प्रशासन डाक्टरों व अन्य स्टाफ की भर्ती करता रहा, लेकिन सिविल, बिजली व अन्य तकनीकी कार्य के लिए पदों का सृजन करके शासन से भर्ती की अनुमति नही मांगी है।
शताब्दी अस्पताल के सांतवे तल पर बिना नियम के चलने वाली कैंटीन चल रही है। कर्मचारी परिषद ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नही होती है तो आंदोलन किया जाएगा।