लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल के डाक्टरों ने दुलर्भ बीमारी से पीड़ित बच्चे की सफल सर्जरी करके उसे नई
जिंदगी दी। दस किलो के बच्चे के पेट में साढ़े पांच किलो का ट्यूमर निकाला गया। ऑपरेशन बाद
बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टर का कहना है, दस हजार बच्चों में किसी एक बच्चे को यह
बीमारी होती है।
बाराबंकी सुहासा गांव के रहने वाले सीताराम का बेटा शिवा (3) के पेट में सूजन थी। परिजनों ने पहले नजदीकी डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर से एक साल तक इलाज कि या गया, मगर कोई फायदा न हुआ। बच्चे के पेट में लगातार सूजन बढ़ती जा रही थी। परिजनों ने स्थानीय निजी अस्पताल में दिखाया। वहां पर सीटी स्कैन जांच दौरान पता चला कि बच्चे के दाएं किडनी में बडा ट्यूमर है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए करीब ढाई लाख का खर्च बताया।
बड़ी धनराशि जुटाने में असमर्थता जाहिर किया। परिजन बलरामपुर अस्पताल क में
पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार को ओपीडी में दिखाया। डॉक्टर ने जांच पड़ताल करके
ऑपरेशन का निर्णय लिया। इससे पहले बच्चे को एक यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। डॉ. अखिलेश कुमार ने
बताया ट्यूमर ने पेट का लगभग 70 फीसदी भाग ढक रखा था, इसके साथ ही दाएं गुर्दे का ट्यूमर बाएं
गुर्दे तक पहुंच गया है।
अस्पताल निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण व सीएमएस डॉ. एमबी सिंह ने ऑपरेशन में आने वाला सारा खर्च अस्पताल जरिए वहन किया गया। टीम ने ऑपरेशन करके गुर्दे से
साढ़े पांच किलो का ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल किया। निदेशक डॉ. पवन कुमार ने
बताया यह एक दुर्लभ बीमारी होती है। दस हजार बच्चों में किसी एक में यह बीमारी होती
है।
…उन्होंने बताया ऑपरेशन लगभग ढाई घंटे तक चला। ऑपरेशन टीम में इनका रहा सहयोग डॉ. एम.पी.
सिंह, डॉ. ए.एस. चंदेल, डॉ. बी.बी. भट्ट अनिमेष, सीमा पांडेय स्टाफ नर्स, ऋषि का
सहयोग रहा।
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