लखनऊ । मानसिक रोगियों के परिजनों के लिए एक खुशखबरी है। अब मरीज को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया जा सकता है। नये निर्देश के अनुसार अब मानसिक रोगियों की भर्ती करके इलाज के लिए अलग से वार्ड बनाया जाएगा। उच्चस्तरीय इलाज से आत्महत्या रोकने में मदद मिल सकती है। बताते चले कि पहले से ही मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अस्पतालों में अलग से ओपीडी संचालित की जा रही है। काउंसलिंग के लिए अस्पतालों में मन कक्ष स्थापित किए गये हैं। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि अभी प्रदेश के 45 जिलों में कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जल्द ही बाकी जिलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मानसिक रोग विशेषज्ञ व काउंसलर की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
डॉ. पांडेय ने बताया कि मानसिक रोगियों को अस्पतालों में भर्ती के लिए अलग से वार्ड बनाया जाएगा। प्रत्येक अस्पताल में पुरुष व महिला मरीजों के लिए 10-10 बेड का अलग वार्ड बनाया जाए। अभी मेडिसिन विभाग में मरीज रखे जाते हैं। अलग वार्ड होने से इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि नये निर्देश के अनुसार काउंसलिंग की सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जाएगी। अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का ओपीडी कार्ड व भर्ती मरीजों की पूरी केस हिस्ट्री नियमित रूप से भरा जाएगी। यही नहंीं सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आए सभी मरीजों का ओपीडी कार्ड भरा जा रहा है।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.