अब यूपी में मरीजों का सर्विलांस

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लखनऊ। प्रदेश में बढ़ते डेंगू के कहर से लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी में डेंगू व अन्य मच्छर जनित बीमारियों के मरीजों का सर्विलंास कराना शुरू कर दिया है। राजधानी के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, डा. राम मनोहर आयुर्विज्ञान संस्थान, पीजीआई के अलावा बलरामपुर अस्पताल तथा अन्य सरकारी अस्पतालों में बुखार व डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ रही है। इनमें स्थानीयस्तर से ज्यादा लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, हैदरगढ़, बस्ती, अम्बेडरनगर आदि के मरीज काफी संख्या में आ रहे है। इनमें काफी मरीज सही इलाज न होने के कारण गंभीर हालत में राजधानी इलाज के लिए पहुंच रहे है।

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पिछले एक दो हफ्तों में डेंगू के अलावा तेज बुखार व अन्य मच्छरजनित बीमारियों के मरीज काफी संख्या में इलाज कराने के लिए केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान के अलावा बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल में भर्ती होने के लिए आ रहे है। इनमें ज्यादातर मरीजों की हालत काफी गंभीर होती है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डा. डी हिंमाशु का कहना है कि मरीजों की प्लेटलेट्स काफी होने पर ही यहां पर आ रहे है। बुखार होने पर ज्यादातर मरीज स्थानीय स्तर पर इलाज कराते है आैर सुधार न होने पर देशी इलाज पर ध्यान देने लगते है। सबसे ज्यादा मरीज बुखार की दवा के साथ बदन दर्द या शरीर टूटने पर पेन किलर का सेवन करने लगते है। जो कि फायदा के बजाय नुकसान पहंुचाने लगी है। प्लेटलेट्स कम होने ब्लीडिंग की आशंका ज्यादा हो जाती है।

लोहिया संस्थान के निदेशक डा. एके त्रिपाठी का कहना है कि बाराबंकी, हैदरगढ़ के आस-पास जनपदों से यहां पर इलाज कराने के लिए आते है। मेडिसिन विभाग के डाक्टरों का मानना है कि हास्पिटल ब्लाक की ओपीडी में संदिग्ध डेंगू व बुखार के मरीज आस-पास जनपदों से आ रहे है। सभी की पैथालॉजी में जांच करा कर पुष्टि के बाद ही इलाज कि या जा रहा है। सिविल अस्पताल में काफी संख्या में मच्छर जनित बीमारियों के आ रहे है। ऐसे में आस-पास जनपदों के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस कराना शुरू कर दिया है।

यह विशेष तौर पर देखा जा रहा है कि मरीज में अगर डेंगू या अन्य मच्छरजनित बीमारी से पीड़ित है तो वह किस जनपद आैर वहां की क्या पोजीशन है। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वरिष्ठ डाक्टर व नोडल अधिकारी शीतल वर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार मच्छरजनित बीमारियों पर कड़ी निगरानी है। चाहे वह दिमागी बुखार हो या कोई बुखार। उन्होंने बताया कि यहां भी लगातार सर्विलांस के जरियें मरीजो की जानकारी एकत्र की जा रही है।

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