लखनऊ। खाने में कीड़ा पाए जाने की शिकायत के तीन दिन बाद आखिरकार किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंटीन संचालक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा खाने की गुणवत्ता के लिए कमेटी भी गठित की है। हालांकि इससे पहले भी खाने की गुणवत्ता की जांच करने के लिए डायटिशियन तैनात की गई थी ,लेकिन बताया जाता है कि कैंटीन संचालक डाइटिशियन के निर्देशों का पालन ही नहीं करता था।
खाने में कीड़ा निकलने की शिकायत के बाद केजीएमयू कुलपति डॉ. आरके धीमन की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा और केजीएमयू के इन्वॉयरमेंट डिपार्टमेंट की अध्यक्ष व किचन प्रभारी डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव शामिल हुईं। लोगों में चर्चा है कि जबकि चं प्रभारी शिकायत मिलने पर भी कोई कार्यवाही नहीं करती हैं तो उनको बैठक में भी बैठने की अनुमति नहीं होना चाहिए था ।बैठक में शिकायत के आधार पर कैंटीन संचालक पर 25 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाए जाने का फैसला हुआ। बताया जाता है कि किचन प्रभारी से कई बार खराब खाने की शिकायत की गई थी, जिस पर डॉक्टर कीर्ति श्रीवास्तव ने कोई कार्यवाही नहीं की थी।दोबारा खाद्य पदार्थों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर अनुशासनिक व विधिक कार्यवाही की हिदायत दी गई है।
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक बैठक में खाने की गुणवत्ता के रखरखाव के लिए कमेटी गठित की गई है। इसमें रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, नर्सिंग एसोसिएशन व कर्मचारी परिषद के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कमेटी समय-समय पर औचक निरीक्षण करेगी। इसके अतिरिक्त यह भी निश्चित किया गया है कि गुणवत्ता के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नियमित रूप से खाने का नमूना भेजकर जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ये थी घटना
ड्यूटी के दौरान कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने वाले डॉक्टर व कर्मचारियों को ऐक्टिव क्वॉरंटीन में रखा जा रहा है। बीते 26 जुलाई को रेजिडेंट डॉक्टर व कर्मचारी के खाने में कीड़ा पाए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। कर्मचारियों ने खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। आरोप लगाया था कि किचन प्रभारी डॉ कीर्ति श्रीवास्तव से बार-बार शिकायत के बावजूद खाने की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है।