अधिक उम्र में शादी करों तो रखो यह ध्यान

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लखनऊ। अधिक उम्र में शादी के बाद गर्भ धारण करने पर शिशु को डाउन सिड्रोंम नामक बीमारी होने की आशंका रहती है। इस लिए गर्भ धारण के बाद 18 हफ्ते में महिला को ब्लड व अल्ट्रासाउंड जांच करा लेना चाहिए। जांच में गर्भस्थ शिशु को डाउन सिड्रोंम है कि नहीं इसकी सटीक जानकारी मिल सकती है। यह जानकारी पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी कार्यशाला में विवेकानन्द अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डा.नीता भार्गव ने दी। रविवार को क ंन्वेशन सेंटर में आयोजित पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी कार्यशाला में आये डाक्टरों ने दिमागी बीमारियों की जानकारी देते हुए बीमारियों पर चर्चा की।

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डा.नीता भार्गव के मुताबिक गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे में यह जाना जा सकता है कि वह आने वाले समय में डाउन सिंड्रोम का शिकार तो नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है कि गर्भवती की जांच पहले तीन महीने में कर ली जाय। इसमें क्रोमोसोम की जांच में पता चल जाता है कि डाउन सिड्रोंम है कि नही। इसके बाद भी यदि कोई बच्चा किसी बात को समझने में कठिनाई अनुभव करता है,या सुनाई कम देता है,तेज बोलने पर ही सुन पाता हो, तो बच्चा डाउन सिंड्रोम का शिकार हो सकता है। उन्होंने बताया कि यदि बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास उम्र के हिसाब से नहीं हो रहा है। तो बच्चे को डाउन सिंड्रोम हो सकता है। डा.नीता के मुताबिक यदि समय रहते बच्चे में डाउन सिड्रोंम की पहचान हो जाये,तो तत्काल विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। विशेषज्ञ ऐसे बच्चों की स्क्रीनिंग व जांच करा कर इलाज शुरू कर सकता है। सही इलाज मिलने से बच्चे को डाउन सिंड्रोम से बचाया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि डाउन सिंड्रोम क्रोमोसोम जनित समस्या है। जब क्रोमोसोम में गड़बड़ी होती है तभी कोई बच्चा डाउन सिंड्रोम का शिकार होता है। इसी वजह से बच्चा दिमागी विकलांगता का शिकार होता है। इतना ही नहीं डाउन सिंड्रोम के शिकार बच्चे को थायराइड डिजीज,रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी,स्लीप एपनिया जैसी बीमारी घेर लेती हैं। कार्यशाला में पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ बिट्रिश डा. राहुल भारत ने कहा कि प्रदेश के बाल रोग विशेषज्ञों को विशेषज्ञ प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि कम दिमागी विकास के बच्चों को बेहतर इलाज समय पर मिल सके। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में लगभग 125 बच्चों ने भाग लिया। कार्यशाला में डा. संजय निरजंन, डा. अजय श्रीवास्तव, डा. प्रशांत, डा. उत्कर्ष बंसल, डा. चंद्राकांता, डा. रश्मि कुमार सहित अन्य बाल रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।

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