TB के बाद फेफड़े की इस बीमारी की पहचान आवश्यक: डा सूर्यकांत

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रेस्परेटरी मेडिसिन के नौ राज्यों के जुटेंगे प्रख्यात चिकित्सक

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लखनऊ। फेफड़े की बीमारियों के विशेषज्ञ डा. सूर्यकांत का कहना है कि टीबी बीमारी के बाद फेफड़े की इंटरर्टिशियल लंग डिजीज ( आई एल डी) देखी जा रही है। यह बीमारी जल्द पहचान में नही आती है आैर मरीज की हालत गंभीर हो जाती है।

डा. सूर्यकांत ने बताया कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के तत्वावधान में दो दिवसीय कांफ्रेस में फेफड़े की बीमारियों पर विशेषज्ञ जानकारी देने के साथ ही इलाज पर भी चर्चा करेंगे। बीमारियों के नये अपडेट की जानकारी दी जाएगी। नौ और 10 मार्च को दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन केजीएमयू के कलाम सेंटर में किया गया है।

इसमें नार्थ जोन के नौ राज्यों के करीब 200 पीजी स्टूडेंट्स शामिल होंगे। कांफ्रेंस का उद्घाटन शनिवार को केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद दोपहर एक बजे करेंगी। यूपी चैप्टर ऑफ़ इंडियन चेस्ट सोसायटी के सहयोग से आयोजित होने वाली इस कांफ्रेंस में विभिन्न राज्यों के प्रख्यात चिकित्सक पीजी स्टूडेंट्स को टीबी और सांस से जुड़ीं अन्य बीमारियों की बारीकियों के बारे में विस्तार से अवगत कराएंगे। नार्थ जोन टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन, इंडियन चेस्ट सोसायटी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने इस मेगा एकेडमिक इवेंट के बारे में जानकारी दी।

डॉ. सूर्यकान्त ने कहा कि यह कांफ्रेंस देश भावी डाक्टरों की जानकारी बढ़ाने के साथ ही लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में भी बहुत ही सहायक साबित होगी। कांफ्रेंस में एम्स दिल्ली, एम्स ऋषिकेष, एम्स जोधपुर, पीजीआई चंडीगढ़, पीजीआई रोहतक, एसजीपीजीआई लखनऊ और सीएमसी वेल्लोर के फैकल्टी मेम्बर शिरकत करेंगे। यह प्रख्यात चिकित्सक लंग कैंसर, लंग ट्रांसप्लांट, आक्सीजन थेरेपी समेत कई जटिल विषयों पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।

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