लखनऊ। शहर के अस्पतालों में दिल के मरीज बढ़ रहे है ! अगर केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग के आंकड़ों को ही देखा जाए, तो यहां की ओपीडी में 2016 में लगभग एक लाख दस हजार हजार रोगियों का इलाज किया गया। डाक्टरों ने दस हजार मरीजों को भर्ती किया गया आैर 8500 की एंजियोग्राफी कर 3500 मरीजों की एंजियोप्लास्टी भी कर दी गयी। ऐसा तब हुआ कि जब शहर में लोहिया संस्थान, पीजीआई आैर कई सरकारी अस्पतालों में कार्डियक इलाज किया जाता है। इसका निजी क्षेत्र के बड़े अस्पताल तो दूर की बात है।
दस हजार मरीजों को भर्ती करके इलाज किया गया –
केजीएमयू में लॉरी कार्डियोंलॉजी विभाग की ओपीडी में सुबह से मरीजों की लाइन लगी रहती है। यहां के विशेषज्ञ डाक्टरों का भी मानना है कि कार्डियक मरीजों की संख्या बढ रही है। ओपीडी में एक लाख दस हजार मरीज देखे गये तो दस हजार मरीजों को भर्ती करके इलाज किया गया। गहन चिकित्सा में 700 को पेसमेकर लगाया गया। यही नहीं 150 की वाल्वुओ प्लास्टी की गयी तो 50 बच्चों चिकित्सा आैर लगभग 80 को रेडियोफ्रिक्वेंसी एबलेशन तकनीक से इलाज किया गया। अगर यहां के विशेषज्ञों की माने तो प्रतिदिन ओपीडी में पांच सौ से ज्यादा ही मरीज आते है आैर इसके अलावा इमरजेंसी में आैसतन रात में ही पचास मरीज आ आते है।
इनमें जांच पड़ताल के बाद लगभग 15 मरीज कार्डियक के होते है,जिन्हंे तत्काल इलाज की आवश्यकता है। विशेषज्ञों की माने तो पीजीआई में कार्डियक मरीजों की ओपीडी ही नहीं सर्जरी भी वेंटिग में रहती है। लोहिया संस्थान भी कार्डियक मरीजों से फुल रहता है। सिविल अस्पताल में भी कैथ लैब होने के कारण मरीजों का बेहतर इलाज किया जाता है।