ओटी तक नहीं गंभीर मरीजों की जान बचा रहे एनेस्थीसिया डाक्टर

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्लखनऊ ।एनस्थीसिया विशेषज्ञों की भूमिका अब सिर्फ ऑपरेशन थिएटर तक सीमित नहीं है। अब गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाने में भी एनस्थीसिया विशेषज्ञ अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। आईसीयू व वेंटिलेटर पर मरीजों को इलाज मुहैया कराकर गंभीर मरीजों को नया जीवन दे रहे हैं। यह बातें लोहिया संस्थान में एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक मालवीय ने कही।

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वह मंगलवार को एनस्थीसिया दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. दीपक मालवीय ने कहा कि एनस्थीसिया विशेषज्ञ आईसीयू व वेंटिलेटर पर भर्ती गंभीर मरीजों को इलाज मुहैया करा रहे हैं। वहीं ऑपरेशन से पहले मरीज के इलाज की दिशा भी तय कर रहे हैं। सड़क हादसे में घायल, फेफड़े, दिल, लिवर, ब्रेन आदि के गंभीर मरीजों की जान बचाने में मदद कर रहे हैं।

लोहिया में एनस्थीसिया विभाग के डॉ. पीके दास ने कहा कि एनस्थीसिया का इस्तेमाल आमतौर पर मरीजों को दर्द से बचाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल मामूली प्रक्रियाओं में किया जा सकता है। दांतों के इलाज, औपरेशन से प्रसव, क्लोनोस्कोपी जैसे बड़ी जांच में किया जा रहा है। भटिंडा एम्स के निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कहा कि एनस्थीसिया एक मेडिकल ट्रीटमेंट है, जो मरीजों को सर्जरी आदि के दौरान दर्द महसूस करने से रोकता है। इसके अलावा कैंसर के दर्द से निजात दिलाने में भी एनस्थीसिया विशेषज्ञ अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ. टी प्रभाकर, डॉ. एसएस नाथ, डॉ. आशीष कन्नौजिया, एनस्थीसिया सोसाइटी की सम्पादक डॉ. समीक्षा परासर, डॉ. सौम्या तयाल, केजीएमयू एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. जीपी सिंह, डॉ. प्रेम राज, डॉ. मनीष सिंह मौजूद रहे।

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