NEWS- गोरखपुर निवासी बीडीएस छात्रा अंजली मल्ल अपने परिवार की पहली डॉक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया हैं। उसकी इस उपलब्धि से परिवार ही नही उसके मित्र व रिश्तेदार बहुत खुश है आैर उसे बधाईयां देने का तांता लगा है। वह बताती हैं कि बहुत बड़ी आबादी दांतों की बीमारियों से पीड़ित है। उनमें इन बीमारियों के प्रति जागरूकता की कमी है। इसकी कारण जानते हुए भी लोगों में मुंह का कैंसर भी बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि पीजी करने के बाद माउथ कैंसर के क्षेत्र में शोध कार्य करने के साथ ही मरीजों का इलाज कर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ना चाहेगी। उन क्षेत्रों में जहां पर अभी लोग माउथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से अनजान है। वह बताती हैं कि पिता डॉ. अरूण प्रताप मल्ल ब्लॉक प्रमुख हैं। मां अंजू हाउस वाइफ हैं। परिवार में दो भाई व दो बहने हैं। वह बताती हैं कि जितना पढ़ाया जाए उसे थोड़ा-थोड़ा प्रतिदिन अध्ययन करना चाहिए। इससे परीक्षा के वक्त तनाव नहीं होगा।-
ग्रामीण क्षेत्रों तक सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता
केजीएमयू में मेडल जीतने वालों में टॉप पर रहे एमबीबीएस मेडिकोज हीवेट, चांसलर मेडल के साथ चिकित्सा विश्वविद्यालय मेडल ( अवार्ड) हासिल करने वाले लखनऊ के आलमबाग निवासी नितिन भारती का कहना है कि पढ़ाई करने के बाद उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं का ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाने के लिए कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि वह रेडियो थेरेपी ओंकोलॉजी में डीएम की डिग्री हासिल करना चाहते है। इसके बाद वह फिर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर चिकित्सा सुविधा का अभाव है वहां पर चिकित्सा व्यवस्था को दुरस्त करने में लगना चाहते है। उन्होंने बताया कि उनके पिता गन्ना संस्थान से सेवानिवृत्त हैं और मां हाऊस वाइफ हैं।
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परिवार में पहली डॉक्टर बनी अंजली
गोरखपुर निवासी बीडीएस छात्रा अंजली मल्ल अपने परिवार की पहली डॉक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया हैं। उसकी इस उपलब्धि से परिवार ही नही उसके मित्र व रिश्तेदार बहुत खुश है आैर उसे बधाईयां देने का तांता लगा है। वह बताती हैं कि बहुत बड़ी आबादी दांतों की बीमारियों से पीड़ित है। उनमें इन बीमारियों के प्रति जागरूकता की कमी है। इसकी कारण जानते हुए भी लोगों में मुंह का कैंसर भी बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि पीजी करने के बाद माउथ कैंसर के क्षेत्र में शोध कार्य करने के साथ ही मरीजों का इलाज कर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ना चाहेगी। उन क्षेत्रों में जहां पर अभी लोग माउथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से अनजान है। वह बताती हैं कि पिता डॉ. अरूण प्रताप मल्ल ब्लॉक प्रमुख हैं। मां अंजू हाउस वाइफ हैं। परिवार में दो भाई व दो बहने हैं। वह बताती हैं कि जितना पढ़ाया जाए उसे थोड़ा-थोड़ा प्रतिदिन अध्ययन करना चाहिए। इससे परीक्षा के वक्त तनाव नहीं होगा।-