लखनऊ। मोटापा से हार्ट, ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर या घुटने में दर्द की शिकायत आम तौर पर कही जाती है, खास तौर पर जब वजन बढ़ जाता है आैर आपकी तोंद बाहर लटकने लगती है। यह समस्या आम हो जाती है आैर सब मोटापा कम करने का सलाह देने लगते है, परन्तु अब बढ़ी हुई तोंद का अल्ट्रासाउंड भी करा कर डायबिटीज होने के लक्षण व आशंका का भी पता चल जाता है। इस शोध पर काम करने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्री- डायबिटीज की स्टेज कही जाती है। अगर मरीज ने सतर्कता बरतते हुए व्यायाम व डायटनिंग करके वजन को कम कर लिया तो उसे डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है।
इस शोध के बारे में डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के डा. निखिल गुप्ता बताते हुए कहते है कि यह शोध एरा मेडिकल कालेज की मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ डा. फातिमा के सहयोग से किया गया था। उस टीम में वह भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि यह शोध डायबिटीज मरीजों के अन्य लक्षणों की पहचान के लिए किया गया था। शोध में 18 से 60 वर्ष के 75 मरीजों को शामिल किया गया। इन सब मरीजों की तोंद की आंतरिक क्षेत्र में सबक्यूटेनियम एब्डामिनल फैट के नीचे भाग में वस्सेरल एब्डामिनल फैट होता है। उन्होंने बताया कि अगर अल्ट्रासाउंड में वस्सेरल एब्डामिनल बढ़ा निकलता है, तो यह तय हो जाता है कि इंसुलिन रजिस्टेंस बढ़ा हुआ है। इसके लगातार बढ़े रहने से मरीज डायबिटीज की चपेट में आ सकता है। इस श्रेणी में आने के बाद लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। डा. निखिल ने बताया कि हालांकि यह शोध बहुत प्राथमिक चरण का है। फिर भी यह खतरनाक संकेत है। अल्ट्रासाउंड के अलावा सीटी स्कैन से जानकारी मिल सकती है, लेकिन सीटी स्कैन सभी अस्पतालों में मौजूद नहीं होता है। अल्ट्रासाउंड से सटीक जांच की जा सकती है।
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