- आर्थराइटिस सप्ताह का आयोजन जून 3 से 8 तक
- हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मुफ्त परामर्श जून 3 से 8 तक
न्यूज – लखनऊ में लगभग 70000 लोग में आर्थराइटिस के लक्षण इनमें से 25 प्रतिशत को सर्जरी की आवश्यकता होती है। किसी भी चिकित्सीय समस्या के सन्दर्भ में चिकित्सा से बेहतर बचाव होता है और यह बात आर्थराइटिस के लिए भी लागू होती है। आर्थराइटिस के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए आर्थराइटिस फाउण्डेशन ऑफ लखनऊ ने अहम कदम उठाया है। जनता को जागरूक करने के लिए पुरे एक सप्ताह विशेषज्ञ डॉ संदीप कपूर और डॉ संदीप गर्ग एक विशेष आयोजन कर रहे हैं।
आर्थराइटिस सप्ताह जून 3 से 8 तक एक विशेष अभियान चलने का फैसला किया है। हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सुविधा के तहत जांच शिविर लगाया गया है जिसमे कोई भी नागरिक पूर्व- पंजीकरण के माध्यम से मुफ्त परामर्श का लाभ उठा सकता है। कार्यक्रम के दौरान आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के संस्थापक डॉ संदीप कपूर व संदीप गर्ग प्रतिभागियों को न सिर्फ आर्थराइटिस उससे जुड़े लक्षण उसके इलाज के बारे में बताएँगे बल्कि उनकी जिज्ञासा का भी समाधान बताएँगे।
डॉ कपूर ने बताया कि किस प्रकार से पिछले लगभग एक दशक से ज्यादा से फाउंडेशन आर्थराइटिस के लिए जन जागरण का काम कर रहा है और लोगों को अर्थराइटिस से बचाव के उपाय नए-नए तरीकों से समझाने का प्रयास किया जा रहा है। डॉ गर्ग ने बताया कि किस प्रकार से एक व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है और जोड़ों की समस्याओं से अपने को दूर रख सकता है।
आर्थराइटिस व काम्प्लेक्स फ्रैक्चर से परेशान रहे 8000 मरीजों को जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के माध्यम से पूर्णतया आराम दिला चुके डॉ कपूर और डॉ गर्ग मानते हैं की यदि हर व्यक्ति अपने ऑफिस घर के वातावरण के अनुरूप अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल कर ले और होने वाले लक्षणों को पहचान कर शुरुआती दौर में सावधानी बरते तो आर्थराइटिस को कण्ट्रोल किया जा सकता है। यदि बिमारी हो जाये तो सही और अनुभवी विशेषज्ञ से परामर्श और जल्द इलाज या प्रत्यारोपण सर्जरी से लाभ मिल सकता है।
आमतौर पर लोग आर्थराइटिस का मतलब जोड़ों के दर्द से लगाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक 5 प्रकार के आर्थराइटिस की पहचान हो चुकी है जो की लखनऊ के लोगों में देखने को मिल रही है। न सिर्फ बढ़ती उम्र बल्कि बेढंगी जीवन शैली भी आर्थराइटिस को बढ़ावा दे रही है और इसलिए युवाओं को ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है।
ऐसे में लोगों को सावधानी इस बात पर भी रखनी चाहिए कि वह विभिन्न प्रकार के अनसाइंटिफिक इलाज वह इंटरनेट के माध्यम से खोजे गए इलाज पर भरोसा ना करें। शुरुआती लक्षणों के आते ही सही समय पर जांच और इलाज से यह संभव है कि बीमारी को उसके शुरुआती स्टेज पर पकड़ा जाए।
कुल मिलाकर ध्यान इस बात का रखना है कि अपनी जीवन शैली और दिनचर्या इस प्रकार की रखें जिससे बीमारी से बचा जा सके और दिनचर्या इस प्रकार की भी होनी चाहिए जिससे आपकी हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहें। डॉ. संदीप कपूर व डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आर्थराइटिस प्रमुख रूप से शरीर के जोड़ों पर असर करता है। परन्तु इसका प्रभाव कई प्रकार से व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ जाता है। आर्थराइटिस आज जीवन शैली सम्बन्धित बीमारियों में प्रथम स्थान रखता है। डॉ. कपूर ने बताया कि लखनऊ में लगभग 5 लाख व्यक्ति आर्थराइटिस से प्रभावित हैं। भारत में यह संख्या 10 करोड़ है।
डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 10 दस में से साथ व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान होते हैं। यह जोड़ों से सम्बन्धित एक जैसी स्वास्थ्य से परेशान होते हैं। बीमारी से ग्रसित व्यक्ति तरह-तरह की परेशानी से गुजरता है। दर्द, चलने-फिरने में कठिनाई, जोड़ों में अकड़न महसूस होना समेत दूसरी परेशानियाँ होती हैं। मरीज यह महसूस करता है कि वह पहले की तरह चीजों को पकड़ भी नहीं पा रहा है।
आर्थराइटिस के उपचार व बचाव पर बात करते हुए डॉ. कपूर व डॉ. गर्ग ने कहा कि आर्थराइटिस अन्ततः प्रत्यारोपण सर्जरी के माध्यम से पूर्णतः ठीक हो जाता है परन्तु आधुनिक दवाओं के माध्यम से प्रत्यारोपण को काफी समय तक टाला जा सकता है। साथ ही मरीज इस दौरान दर्द से भी छुटकारा पा सकते हैं।
ऑस्टियो आर्थराइटिस के कारक-
1. मोटापा, 2. उम्र 3. गम्भीर चोट 4. जमीन पर बैठने की आदत 5. धूम्रपान व शराब का सेवन 6. सीढ़ियों का अत्यधिक इस्तेमाल 7. भारतीय प्रसाधन।
ऑस्टियो आर्थराइटिस से बचाव –
1. सही/संतुलित वजन 2. सीढ़ियों का जरूरत पर इस्तेमाल 3. शराब व धूम्रपान न करना 4. जमीन पर न बैठना
संस्था के बारे में –
आर्थराइटिस फाउण्डेशन ऑफ लखनऊ एक रजिस्टर्ड संस्था है जिसमें डॉक्टर व अन्य विशिष्ट क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। यह संस्था विगत दस वर्षों से आर्थराइटिस जागरूकता के लिए कार्य कर रही है जिसमें कई प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
– डॉ. संदीप कपूर, डॉ. संदीप गर्ग
कैसे करें पंजीकरण?
हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आर्थराइटिस सम्बन्धी मुफ्त परामर्श सुविधा पाने के लिए कोई भी नागरिक पूर्व-पंजीकरण के माध्यम से का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए अस्पताल के रिसेप्शन पर फोन करके पंजीकरण करवा सकते हैं।
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