लखनऊ । एचआईवी – वन के बाद अब एचआईवी- टू के प्रकोप का खतरा प्रदेश में मंडराने लगा है, भले ही अभी इनके मरीजों की तादाद कम हो, लेकिन आने वाले वक्त में यह खतरनाक साबित हो सकता है। प्रदेश में अभी इसकी जांच की सुविधा सिर्फ किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में है, लेकिन प्रदेश भर में एचआईवी- 2 की जांच शुरू होने पर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। आश्चर्यजनक बात यह है कि नेशनल एड्स कंट्रोल बोर्ड ने एचआईवी -टू के खतरे को नजरअंदाज करके एचआईवी – वन की जागरूकता के ढोल पीट रहा है।
एचआईवी -टू के नमूने दिल्ली प्रयोगशाला भेजे जा रहे है –
अभी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड बैंक में ही एचआईवी टू की जांच करायी गयी है। जांच शुरू होने के बाद अभी तक इस ब्लड बैंक में एचआईवी-टू के ग्यारह मरीज मिले चुके है। इसके अलावा अब तक लगभग चालीस जांच संदिग्ध एचआईवी -टू के नमूने दिल्ली प्रयोगशाला भेजे जा रहा है। उनका कहना है कि ब्लड में एचआईवी की पुष्टि के बाद विशेष जांच में देखना पडता है कि एचआईवी टू पाजिटिव है कि नहीं। ब्लड बैंक प्रभारी डा. तूलिका चंद्रा का कहना है कि एचआईवी -टू के प्रदेश में लगातार मिलना आने वाले खतरे का संकेत है। इसका वायरस काफी सुप्तावस्था में शरीर में रहता है।
जानकारी नाको को दी जा चुकी है –
सामान्य जांच में इसका पता भी नहीं चलता है। यहां मिले मरीजों को पहले मालूम ही नहीं था कि वे एचआईवी- टू के संक्रमण से ग्रसित है। उनका कहना है कि केजीएमयू के बाद अगर अन्य बड़े अस्पतालों के ब्लड बैंक में नेट की जांच शुरू हो जाती है तो मरीज की संख्या का समीकरण ही बदल जाएगा। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी नाको को दी जा चुकी है, पर नाको अभी एचआईवी -टू के खतरे को नजर अंदाज कर रहा है। बताया जाता है कि पहले एचअाईवी टू जांच के किट नाको देता था, पर इसके किट दिये जाना बंद हो गया है।