लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी अस्पताल में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया, जब मोहनलालगंज के निजी अस्पताल के लोग महिला मरीज को रेफर करने के बहाने सोमवार को छोड़ कर भाग गये। परिवारीजनों का आरोप है कि गाड़ी में शिफ्ट करने से पहले ही प्रसूता की मौत हो चुकी थी, इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने एक निजी गाड़ी कर महिला मरीज को जिंदा बताकर जबरन बैठा क्वीन मेरी अस्पताल भेज दिया। अस्पताल में इमरजेंसी के डॉक्टरों ने प्रसूता को मृत घोषित कर दिया, तो इसके बाद परिवारीजनों ने क्वीनमेरी अस्पताल के बाहर ही निजी अस्पताल के खिलाफ हंगामा करने लगे।
निगोंहा के रामू की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर लालपुर उपकेंद्र पर ले गया, जहाँ मौजूद बिना जांच किये ही कर्मचारी ने शिशु को उल्टा बताकर मोहनलालगंज के एक निजी अस्पताल जाने की सलाह दी। रामू का आरोप है कि पौरुष अस्पातल पहुंचने पर डाक्टरों ने ऑपेरशन की बात कहकर बीस हजार जमा करने को कहा, जिस पर मजदूर रामू ने सात हजार रुपये ही जमा किये, जिसके बाद आपरेशन से लड़की का जन्म कराया। रविवार रात हालत बिगड़ने तो परिजन डाक्टर को बुलाने को कहा पर तत्काल शुल्क न देने पर डाक्टर सोमवार सुबह आयी, तब तक प्रसूता की मौत हो गयी। पति रामू ने बताया कि इसके बाद भी डॉक्टर ने इलाज करने की बात कह कर उसे भर्ती रखा। पति रामू ने बताया कि सुबह जब 10 बजे प्रसूता की मौत हो चुकी थी। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने अपने को बचाने के लिए आनन-फानन में एक निजी गाड़ी कर के उसमें जबरन प्रसूता को जिंदा बताकर इलाज के लिए क्वीनमेरी अस्पताल रेफर कर दिया।
पति रामू का आरोप है कि जब उसने पत्नी की मौत हो जाने की बात कही तो अस्पताल में मौजूद एक डॉक्टर साथ आकर गाड़ी पर बैठ गया और इलाज क्वीनमेरी अस्पताल में इलाज कराने का दावा करते हुए चल दिया। क्वीन मेरी अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने प्रसूता को गाड़ी से बाहर निकाला। जैसे ही परिवारीजन उसे अंदर ले जाने लगे डॉक्टर गाड़ी से ही वापस भाग निकला। परिजनों ने इमरजेंसी में प्रसूता को लेकर पहुंचे वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसे पहले से ही मृत घोषित कर दिया। आक्रोशित परिजनों ने क्वीनमेरी के बाहर जमकर हंगामा किया आैर शव लेकर सीधे पौरुष अस्पताल पहुंचे। अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया। पति रामू ने कहा है कि इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में की जाएगी।