लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर से शताब्दी अस्पताल जाने वाले मरीजों का स्ट्रेचर अब मेन सड़क से हो कर नहीं गुजरेगा। मरीजों को ले जाने के लिए ट्रामा आैर शताब्दी के बीच की दीवार को तोड़ कर नयी सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है। केजीएमयू कु लपति का कार्यभार सम्हालने के बाद प्रो. एमएलबी भट्ट ने ट्रामा सेंटर से शताब्दी अस्पताल जाने वाले आैर वहां से आने वाले मरीजों को दिक्कत का निदान करने के लिए आश्वासन दिया था। उन्होंने ट्रामा सेंटर आैर शताब्दी अस्पताल के बीच में खड़ी दीवार को तोड़ कर रास्ता बनाने का निर्देश दिया था, परन्तु यह निर्देश पूरा होने में एक वर्ष लग गया। ट्रामा सेंटर में शौचालय के बगल की दीवार को तोड़ने का काम शुरू हो गया।
रास्ता आक्सीजन प्लांट के बगल से होता हुआ जाएगा। शताब्दी अस्पताल के जमीन के लेबल को ऊंचा करने का रास्ता को बनाया जा रहा है। ताकि मरीज को स्ट्रेचर से दोनों तरफ आसानी से ले जाया सकता है। रास्ता बनने के बाद मरीजों का स्ट्रेचर मेन रोड पर नहीं ले जाया जाएगा। मेन रोड पर जाने पर अक्सर चलती गाड़ियां, किनारे लगे ठेले से बचाना पड़ता था। कई बार टक राने के कारण मरीज को दिक्कत भी हो जाती थी। अब मरीज को अंदर ही अंदर ले जाएगा। बाहर जाने की जरूरत नही है।
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