लखनऊ। आस्ट्रेलिया से डेंटल काउंसिल की दो सदस्यीय टीम सोमवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय पहुंची। आस्ट्रेलिया डेंटल काउंसिल की टीम में वारोनिका बेले तथा फीलीपा डिविस थी। इन दोनों ने दंत संकाय के डीन प्रो. रनजीत पाटील एवं संकाय सदस्यों से मुलाक़ात करने के साथ ही आस्ट्रेलिया में दंत चिकित्सा क्षेत्र में शिक्षा, क्लीनिकल तथा पेशेंट केयर संबंधित जानकारियों का आदान प्रदान किया।
प्रोस्थोडोंटिक विभाग में भ्रमण के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. पूरन चन्द ने विभाग में चिकित्सा एवं प्रशिक्षण के बारे में टीम को जानकारी दी। उन्हें स्लीप एपनिया क्लीनिक की जानकारी के साथ ही इलाज के बारे भी बताया। इसके अलावा मैक्सिलोफ़ेशियल प्रोस्थेसिस क्लीनिक में आस्ट्रेलिया टीम को आई प्रोस्थेसिस की प्रसन्नता की।
आई प्रोस्थेसिस कैंसर के मरीजों में प्रयोग किया जाता है। जिस मरीज की कैं सर के कारण आंख खराब हो जाती है। उसकी जगह आई प्रोस्टेसिस इंम्लांट किया जाता है। केजीएमयू डेंटल यूनिट का आई प्रोस्थेसिस उच्च क्वालिटी आैर अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग होने के कारण प्रदेश व बाहर के मेडिकल कालेजों से लोग लेने व लगवाने के लिए आते है। इसके साथ ही आस्ट्रलिया की टीम ने विभिन्न प्रकार के इंलांट के बारे में जानकारी करने के साथ ही इंम्लांट पर हो रहे प्रयोग की जानकारी ली आैर दिये गये उपचार को जानकर कौतूहल एवं प्रसन्ता व्यक्त की ।
केजीएमयू डेंटल यूनिट से बीडीएस करने के बाद अध्ययन व शोध करने के लिए मेडिकोज आस्ट्रेलिया चिकित्सा शिक्षा के लिए जा सकते है आैर वहां के मेडिकोज भी अध्ययन करने के लिए केजीएमयू आ सकते है। डॉ शुचि त्रिपाठी ने विभाग में अतिथियों का स्वागत करने के साथ डेंटल यूनिट में शोध कर रहे विशेषज्ञों व अन्य डाक्टरों से भी मुलाकात करायी।