लखनऊ – कैंसर, लिवर फेल, किडनी फेल और थैलेसीमिया का इलाज आयुर्वेद से पूरी तरह संभव है। यह बातें हॉस्पिटल एंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसेज (हिम्स) की डॉक्टर नेहा ने 26 फरवरी को हिम्स लखनऊ में कहीं। हिम्स आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर सक्रिय हैं और लोगों को अपनी पुरानी विरासत से जागरूक कर निरोग काया का मंत्र दे रहे है। हिम्स लखनऊ में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर नेहा ने बताया कि हिम्स में शरीर की अंदरूनी शक्ति बढ़ाकर किडनी, कैंसर, लिवर, शुगर, बीपी और दिल के रोगों को रिवर्स करने पर जोर दिया जाता है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर नेहा, डॉक्टर अभिषेक, डॉक्टर प्रियंका और हिम्स लखनऊ के मरीज़ शामिल थे। संबोधन के अवसर पर डॉक्टर नेहा ने कहा, “विभिन्न अस्पतालों में बहुत समय और पैसा खर्च करने के बाद विभिन्न डायलिसिस रोगी हमारे अस्पताल में आते हैं। हिम्स में हमारी टीम उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करती है और हमने अपने कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को कुछ महीनों के भीतर ही पूरी तरह से ठीक किया है।”
वहीं हिम्स लखनऊ के मरीज़ ने कहा, “हिम्स में मेरे इलाज से मेरा आयुर्वेद में विश्वास बढ़ गया है। मुझे कई लोगों और अस्पतालों से पता लगा था कि थैलेसीमिया लाइलाज है। फिर एक मित्र ने मुझे आचार्य मनीष जी से मिलने के लिए कहा। आचार्य जी ने मुझे आश्वासन दिया कि मेरा इलाज हो सकता है और इसलिए मैंने यहां अपना इलाज शुरू किया। आज मैं इस बात का प्रमाण हूं कि आयुर्वेद किसी भी बीमारी का इलाज कर सकता है।”
डॉक्टर नेहा ने कहा, “हिम्स में आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी आदि जैसे विज्ञानों का उपयोग करके रोगों का इलाज किया जाता है। हमारा लक्ष्य बीमारियों को जड़ से दूर करना है। यहां बाजरा और जड़ी-बूटियों से बना भोजन रोगियों को उनके सही इलाज और स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रदान किया जाता है। हिम्स पोस्ट्यूरल थेरेपी का उपयोग भी करता है जो डायलिसिस को 70% तक रोक सकता है। इससे 100% हाई बीपी के रोगी बिना किसी दवा के तुरंत अपना बीपी नियंत्रित कर सकते हैं।”
आज देश भर में सौ से अधिक शुद्धि क्लीनिक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हिम्स में डॉ. अमर सिंह आजाद, डॉ. खादर वल्ली, डॉ. पांडे और डॉ. बीआरसी जैसे विशेषज्ञों की देखरेख और नेतृत्व में पुरानी से पुरानी बीमारियों का इलाज किया जा रहा है।