लखनऊ। कोरोना का कहर दूसरे राज्यों में बढ़ने के साथ ही मार्च महीने में स्कू ल खुलने से अभिभावकों के चिंता बढ़ने लगी है। स्कूल में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्या करें। इसके लिए अभिभावक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। यहीं नहीं स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के दौरान कोविड -19 प्रोटोकाल का पालन करना आवश्यक हो जाता है।
कोरोना महामारी कम होने के बाद बड़े बच्चों के स्कूल कालेज खुल गये है, वह स्कूल कालेज आ जा भी रहे है। बड़े बच्चों में कोरोना के प्रति जागरूकता है आैर किसी हद तक मास्क, सैनिजाइजर, हैंडवाश व सोशल डिस्टैडिग का पालन करते रहते है। इस बारे में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक व कोविड -19 के नोडल अधिकारी डा. डी हिंमाशु का कहना है कि स्कूल खुलने पर स्कूल प्रंबधन व अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने बताया कि वैसे स्कूलों में बैठने वाली टेबल को दूर -दूर रखा गया है। इसके बाद भी मास्क का प्रयोग व सोशल डिस्टैसिंग व मास्क का प्रयोग महत्वपूर्ण हो जाता है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डाक्टर कौसर उस्मान का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चों को अगर जुकाम या बुखार हो तो किसी भी हालत में स्कूल न भेजे आैर अगर डाक्टर से परामर्श लेते हुए स्क्रीनिंग करा सकते है। लक्षणों के आधार पर जांच की जा सकती है। अगर घर में कोई बुखार या जुकाम से पीड़ित हो तो ध्यान रखे आैर डाक्टर से दवा व परामर्श जरूर लेना चाहिए। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वरिष्ठ डा. शीतल वर्मा का कहना है कि मास्क का प्रयोग बच्चें बड़ी मुश्किल से करते है। ऐसे में मास्क उनके अनुसार आैर वह उसे पहनने के बाद सहज महसूस कर सके। इसका ध्यान रखना होगा। मास्क भी मानकों का पालन करता हो। इसके अलावा बच्चों को समझाना होगा कि वह टिफिन खाने से पहले हैंडवाश जरूर करें। इसके साथ ही वह अपना फूड शेयरिंग न करें। स्कूलों में भी बच्चों का हाथ सैनिटाइज कराने पर ध्यान देना होगा। बच्चे अक्सर ग्रुप में रहते है आैर परन्तु कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग बना कर बात करे आैर इस दौरान मास्क जरूर लगाये। इसके लिए जागरूक करते रहना होगा।
बच्चा स्कूल जब जाए, कोरोना संक्रमण से ऐसे बचाएं
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