लखनऊ। प्रमुख सरकारी अस्पताल में आए बुखार से कई पीड़ितों की जांच में मलेरिया की पुष्टि हुई है, इनमें बच्चों की ज्यादा संख्या है। बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग वार्ड नम्बर में तीन बच्चों में मलेरिया की पुष्टि हुई है। ये तीनों बच्चे की उम्र तीन से आठ के बीच है, जो राजधानी के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के बाल रोग वार्ड में तेज बुखार होने पर कई बच्चे भर्ती हुए। इनके परिजन बताते हैं कि मच्छर के कारण रात में सोना मुहाल हो चुका है। शहर के पॉश इलाकों में भी फार्गिंग नहीं हो रही है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आशुतोष दुबे ने बताया कि बुखार ही नहीं डायरिया से पीड़ित भी कई मरीज भर्ती हुए हैं। मच्छरों से बचाव के अलावा खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। दूसरी तरफ गोमतीनगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में फिजीशियन डाक्टर की ओपीडी में मरीज बड़ी संख्या में लाइन लगाए थे। वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में बाल रोग विभाग के डाक्टर सलमान खान ने बताया कि बच्चों का बुखार से बचाने के लिए एकदम से गर्मी व ठण्ड के माहौल में जाने से परहेज करें। बिना डाक्टर की परामर्श के दवाएं नहीं देना चाहिए। डाक्टरों का कहना है कि गंदे पानी में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं।
मच्छर जब किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उनमें मौजूद प्लाजमोडिम परजीवी अपना इंफेक्शन रक्त में लार के रूप में छोड़कर व्यक्ति संक्रमित कर देता है। शरीर में प्रवेश करने पर यह आधे घंटे के अंदर यह परजीवी व्यक्ति के लीवर को संक्रमित कर देता है। लिवर के भीतर मलेरिया फैलाने वाले छोटे जीव मेरोजोटिक्स बनने लगते हैं। यह लिवर में रक्त से फैलकर लाल रक्त को प्रभावित करके तेज गति से बढ़ते हैं, जिससे लाल रक्त कण टूटने लगते हैं आैर व्यक्ति का मलेरिया हो जाता है।
मलेरिया के लक्षण :
-ठण्ड लगकर तेज बुखार आना
-सरदर्द, बदन दर्द आैर जी मचलाना
-उल्टी-दस्त
-कमजोरी व भूख न लगाना
-प्लेटलेट्स की कमी