लखनऊ। हार्ट की कोरोनरी आर्टरी डिजीज बीमारी देश में लगातार बढ़ रही है। अगर आकंड़ों के अनुसार देखा जाए , तो यहां लगभग 6 करोड़ मरीज है। यह जानकारी हार्ट रोग विशेषज्ञ व स्टेमी इंडिया के निदेशक डॉ थॉमस एलेग्जेंडर ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी। गोमती नगर स्थित एक क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि हार्ट की प्रमुख धमनी (कोरोनरी धमनी) की बीमारी (जिसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहते हैं) भारत में सबसे आम बीमारी है आैर इस रोग से होने वाली मृत्यु दर देश में ज्यादा है।
इस बीमारी से ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत हो गयी है। वही शहरी क्षेत्रों में 4 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों को देखा जाए, तो दो करोड़ रोगी 40 वर्ष से कम आयु के हैं तथा एक करोड़ 30 वर्ष से कम आयु के हैं। इस रोग से प्रति वर्ष मरने वालों की अनुमानित संख्या 29 लाख हैं, जिनमें 10 लाख लोग 40 वर्ष से कम आयु के हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज रोग के कारण होने वाले दिल के दौरे को समय रहते उचित इलाज मिलने पर मृत्यु दर तथा लम्बे समय तक होने वाली दिक्कतों काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्टेमी इंडिया के डायरेक्टर डा. अजित मुल्लासरी ने कहा कि इस कार्यशाला में दिल के दौरे से सम्बंधित नवीनतम क्लीनिकल वर्क, रिसर्च और प्रबंधन प्रोटोकॉल की जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला में इमरजेंसी रूम डॉक्टर, कार्डियक रोग विशेषज्ञ, कार्डियक कैथीटेराइजेशन तकनीकि टीम, नर्स, आदि, को व्यापक प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि रोगी को दिए जाने वाले उपचार में कोई देर न हो तथा टीम वर्क के द्वारा तत्काल मिल सके।
केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ ऋषि सेठी ने बताया कि इस सम्मेलन का एक और प्रमुख उद्देश्य है उत्तर प्रदेश राज्य में हार्ट अटैक टीम की मदद से हार्ट अटैक प्रबंधन कार्यक्रम लागू करना है। स्टेमी इंडिया मॉडल कार्यक्रम के तहत यह सभी निम्न और मध्य आय वर्ग देशों के लिए प्रामाणिक रूप से एक आदर्श कार्यक्रम माना जाता है। इस बैठक में विश्व के विभिन्न देशों से आये हुए विशेषज्ञ, स्टेमी इंडिया के सदस्य तथा सरकारी अधिकारी इस कार्यक्रम को यूपी में लागू करने की योजना पर विचार करेंगे।
स्टेमी इंडिया 2018 के कोर्स समन्वयक और केजीएमयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अक्षय प्रधान और डॉ प्रवेश विश्वकर्मा ने स्पष्ट किया कि यह मीटिंग केवल डॉक्टरों के लिए ही नहीं है, बल्कि हार्ट अटैक टीम के सभी सदस्यों के लिए है, जो दिल के दौरे के रोगी की आपातकालीन देखभाल में योगदान देते हैं जैसे कि नर्स, कैथ लैब तकनीकि विशेषज्ञ, एम्बुलेंस के चिकित्सा सहायक आदि। इन सभी का रोगी की जान बचाने में एक महत्वपूर्ण योगदान होता है।
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