निजीकरण को बढ़ावा देना कभी जनहित में नही हो सकता*-
*स्थाई पदों के सृजन करने की योजना नहीं*
*आयकर स्लैब में संसोधन नहीं*
*फ्रीज महंगाई भत्ते के लिए कुछ नहीं कहा गया*
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*स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाना स्वागत योग्य*
लखनऊ । आज प्रस्तुत बजट कर्मचारियों के लिए उदासीन है ।
फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बजट के प्राथमिक अध्ययन के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए जिस पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा, वहीं निजीकरण , आउटसोर्सिंग की जगह स्थाई रोजगार सृजन करने की आस देख रहे कर्मचारियों को निराशा हुई, क्योंकि सरकार सरकारी क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने का फैसला लिया गया । फ्रीज किये हुए महंगाई भत्ते के संबंध में कुछ नही कहा गया है, जबकि महगाई चरम पर है ।
हालांकि स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाया जाना स्वागत योग्य है ।
कर्मचारी हितों के लिए कोई कदम ना घोषित किये जाने से ऐसा प्रतीत होता है कि अब सरकार कर्मचारियों को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है इसलिए बजट में कर्मचारियों हेतु कोई घोषणा नहीं है । कोविड काल मे सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर देश के लिए कार्य किया था लेकिन कर्मचारी हित में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई छूट ना मिलने से कर्मचारियों की आस टूटी है ।
लगातार कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए जिस पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा है।
बजट में कर्मचारियो को कुछ नहीं…
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