लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती मरीज की हालत खराब हो गयी। उसकी हालत डायलिसिस होने के बाद अचानक बिगड़ने से मरीज की सांसे उखड़ने लगी। आनन-फानन में ऑक्सीजन लगा दी आैर उसे वेंटीलेटर स्पोर्ट के लिए केजीएमयू रेफर कर रहे थे। इसके बाद भी तीमारदार मरीज को ले जाने को राजी नहीं थे आैर इमरजेंसी में हंगामा कर दिया। निदेशक ने तीमारदारों की नाराजगी बढ़ता देख उसे आईसीयू में शिफ्ट करने का निर्देश दिया। जिसके बाद तीमारदार शांत हुए।
अस्पताल में संविदा पर कार्यरत सफाईकर्मी गोपी (40) करीब दो दिन पहले ड्यूटी करके घर गया था, जहां पर लेटते ही उसे तेज बुखार आने संग झटके आने लगे। तीमारदारों ने आनन फानन में उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया। तीमारदारों ने बताया कि उसे पेशाब नहीं हो रही थी। इसे लेकर डॉक्टरों ने दो बार डायलिसिस की।
बुधवार दोपहर डायलिसिस बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इमरजेंसी में मौजूद नर्स ने ऑन कॉल डॉक्टर को बुलाया तो डॉक्टर ने जांच के बाद वेंटीलेटर की आवश्यकता बताकर उसे केजीएमयू रेफर कर दिया। केजीएमयू के नाम सुनते ही तीमारदार भड़क उठे और मरीज को ले जाने को राजी नहीं हुए। उनका कहना था कि जब उनके यहां इलाज किया जा सकता है तो केजीएमयू क्यों रेफर किया जा रहा है। आक्रोशित तीमारदारों का गुस्सा बढ़ता देख उसे आईसीयू में वेंटीलेटर सपोर्ट देकर रख दिया गया, जिसके बाद तीमारदार शांत हुए। निदेशक डॉ. राजीव लोचन के मुताबिक, मरीज की हालत काफी गंभीर बनी है।
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