लखनऊ। पहली बार बलरामपुर अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिला मरीज के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक एक साथ कर दिया है। महिला को अब चलने फिरने में दिक्कत नहीं होगी। प्रत्यारोपण में लगभग चार घंटे में हो गया। महत्वपूर्ण बात यह भी रही है कि एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व करने वाले विशेषज्ञ उसी दिन रिटायर हुए, लेकिन उन्होंने प्रत्यारोपण में तमन्यता के साथ डटे रहे। अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया व एमएस डॉ. हिमांशु त्रिपाठी ने प्रत्यारोपण करने वाली पूरी टीम को बधाई दी।
प्रयागराज के फाफामऊ निवासी विद्युतलता मिश्रा (52) को तीमारदारों ने घुटना प्रत्यारोपण के लिए बलरामपुर अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एपी सिंह की देखरेख में भर्ती कराया। डॉ. सिंह ने बताया कि महिला को चलने में बहुत परेशानी रहती थी। वह अपने दैनिक कार्य को भी सही से नहीं कर सकती थीं। बलरामपुर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लगभग चार घंटे महिला का प्रत्यारोपण किया और दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण एक साथ कर दिया। इसे क्लीनिकल भाषा में टोटल नी रिप्लेसमेंट (टीकेआर) कहा जाता है।
डॉ. एपी सिंह ने बताया कि यह सर्जरी महंगे जिम्मर इंप्लांट का उपयोग किया गया है। इस इंप्लांट को निजी अस्पताल में कराने पर महिला के तीमारदारों का करीब छह लाख रुपए तक खर्च आता। बलरामपुर में इंप्लांट कराने पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च आया है। प्रत्यारोपण की टीम में डॉ. एपी सिंह, डॉ. जीपी शर्मा, डॉ. जीके शर्मा, डॉ. संचित अग्रवाल, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. अखिलेश यादव, डॉ. देशराज, डॉ. प्रियांक, डॉ. जूही पाल, ओटी स्टाफ सिस्टर मोनिका, रेखा, दया व ममता शामिल रहीं। इस प्रत्यारोपण में एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. सीपी सिंह ने किया।
बलरामपुर में काम करने का डॉ. सीपी सिंह का अंतिम दिन था। उसी दिन वह रिटायर भी हो गए। डॉ. सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में उन्होंने बलरामपुर अस्पताल में प्रयागराज से आकर ज्वाइन किया था। तब से वह अब तक 28 मरीजों का घुटना प्रत्यारोपण कर चुके हैं, लेकिन एक साथ दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण पहली बार किया है।