लखनऊ – गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का संस्थान में विलय फ्यूचर बस कुछ ही महीनों में हो जाएगा। कोशिश यह की जा रही है कि चुनाव आचार संहिता लगने के पहले विलय करने की प्रक्रिया पूरी करना चाहते हैं। अब की प्रक्रिया आखिरीदौर में पहुंच गई है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजकर अस्पताल की संपत्तियों के हस्तांतरण का खाका खींचा है। इसके अलावा डॉक्टर व कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त पर रखने का मसला भी साफ हो गया है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नियमों के तहत लोहिया अस्पताल के 27 डॉक्टर को संस्थान में रखा जाएगा। संस्थान में काम करने के दौरान इन डॉक्टरों का अनुभव बाद में जोड़ा जा सकेगा। बाकी सभी डॉक्टर और कर्मचारियों को मार्च 2020 तक प्रतिनियुक्त पर रखा जाएगा।
लोहिया संस्थान को ऐम्स की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। ऐम्स की तरह लोहिया संस्थान में एमबीबीएस, पीजी और सुपर स्पेशियालिटी की पढ़ाई हो रही है। संस्थान के विस्तार के लिए लोहिया अस्पताल का विलय किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया करीब चार वर्षों से चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि विलय की प्रक्रिया फरवरी तक पूरी हो सकती है। फिलहाल डॉक्टर व कर्मचारियों की तैनाती को लेकर जो भ्रम था वह दूर कर दिया गया है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजकर डॉक्टर व कर्मचारियों के विलय की स्थिति स्पष्ट कर दी है।
14 जनवरी को शासन में संयुक्त सचिव राम नगीना मौर्या ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा। चार बिन्दुओं पर पत्र भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि विलय संबंधी प्रस्ताव अगली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। अधिकारियों ने प्रस्ताव पर मुहर लगाने की उ मीद जाहिर की है।
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