लखनऊ। केजीएमयू के पेरियोडॉण्टोलॉजी विभाग के तत्वावधान में मुख स्वच्छता दिवस पर मंगलवार को आयोजित जन जागरण अभियान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विकास व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हमें अपने व्यवहार में स्वच्छता को अपनाना चाहिए। माहौल को बदल कर स्वच्छता को अपने दैनिक जीवन की दिनचर्या में शामिल करें। आज के समय में भौतिक कार्यो में इतना व्यस्त है कि हमे स्वच्छता के लिए कार्य करने का समय हीं नहीं मिलता है। समाज के लिए उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों की जिम्मेदारी अधिक है। उनको ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे समाज में एक आदर्श पैदा हो।
सेल्वी हाल में आयोजित कार्यक्रम में श्री खन्ना ने कहा कि पंजाब में आज भी प्रति व्यक्ति आय पूरे देश में सबसे अधिक है, लेकिन पंजाब के 60 प्रतिशत से अधिक लोग नशे की चपेट में हैं। जिसे अच्छे संस्कार और अच्छे माहौल से सुधारा जा सकता है। इस लिए सबसे जरूरी है स्वच्छता के लिए माहौल तैयार करना। अपने कर्तव्यों के पालन के लिए ज्यादा सचेत नहीं है। दुनिया के कोई भी देश वहां के नागरिकों के कर्तव्यों के पालन कराये बिना तरक्की नहीं कर सकता है। बच्चों में समाज के प्रति कर्तव्यों के पालन करने की भावना पैदा करना होगा, तब जाकर भारत को स्वच्छ, सुंदर और महान बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम संयोजक पेरियोडॉण्टोलॉजी विभाग के डा. पवित्र रस्तोगी ने कहा कि मुख शरीर का प्रथम अंग है। मुख की तुलना परिवार के मुखिया से की गयी है। भारत में 58 प्रतिशत व्यक्तियों द्वारा टूथ-पेस्ट और टूथ ब्राश का उपयोग किया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मुख की स्वच्छता के प्रति जन जागरण करना है। प्रत्येक व्यक्ति को दिन में दो बार ब्राश करना चाहिए। रात में ब्राश करना दिन में ब्राश करने से ज्यादा जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति को 6 माह में एक बार अपने दंत चिकित्सक के पास जाकर सलाह और दांत की सफाई अथवा प्रोफेशनल स्केलिंग करानी चाहिए। अधिष्ठाता दंत संकाय प्रो. शादाब मोहम्मद ने बताया मुख स्वच्छता दिवस प्रोफेसर जीबी शंखवार पेरियोडॉण्टोलॉजी विभाग के जनक के जन्म दिवस पर मनाया जाता है।
कुलपति प्रो. मदनलाल ब्रह्म भट्ट ने कहा कि लोग हर धार्मिक अनुष्ठान एवं कोई भी कर्मकाण्ड करने से पूर्व प्रल्लाक्षन, आचमन आदि किया करते हैं। मुख स्वच्छ रहने से कई बीमारियों से बचा सकते हैं। मुख की स्वच्छता के साथ भोजन की बात करना सही है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए प्रोसेस्ड फूड और साफ्ट ड्रिंक से बचना चाहिए। दांतो के लिए तम्बाकू और एल्कोहल का सेवन बहुत ही हानिकारक है। उन्होंने बताया कि एक सर्वे में पाया गया है कि डाक्टरों को जितनी बार हाथ धोना चाहिए वो उसके 50 प्रतिशत तक कम हाथ धोते है।
मुख की स्वच्छता जन जागरण से समाज के अंदर फैलाया जा सकता है। इस अवसर पर संसदीय कार्य एवं शहरी विकास सुरेश खन्ना ने उत्कृष्ठ चिकित्सीय सेवा के लिए डा. रवि मोहन, प्रो. डा. नंद लाल, डा. अविनाश अग्रवाल, कर्मचारियों में सुरेन्द्र कुमार, नीरज कुमार सिंह, अमित शुक्ला आैर रेनी चॉको थामस को सम्मानित किया गया।