महिला के साथ हुये रेप के मामले में पुलिस व दबंगों की मिलीभगत से पीड़ित परिवार व एक जाति वर्ग के लोगों का उत्पीड़न किये जाने का आरोप लगाते हुये शनिवार को भाकपा (माले) व एपवा के कार्यकर्ताओं ने मड़ियांव कोतवाली का घेराव कर प्रदर्शन किया। भाकपा के जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर व एपवा की जिला संयोजिका मीना सिंह की अगुवाई में हुये प्रदर्शन में मौजूद महिलाओं व कार्यकर्ताओं का कहना था कि दबंगों के साथ मिलकर मड़ियांव पुलिस मुंशीखेड़ा गांव में रह रहे पीड़ित पक्ष की जाति वर्ग के लोगों के घरों में घुसकर गाली-गलौज व मारपीट कर रही है।
उनका आरोप है कि मड़ियांव कोतवाली में तैनात एक दरोगा व दबंगों के बीच मिलीभगत के चलते पुलिस इस मामले को रफादफा करना चाहती है। करीब एक घंटे चले प्रदर्शन के बाद इंस्पेक्टर मड़ियांव नागेश मिश्रा ने उचित कार्यवाही किये जाने का आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त करवाया। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं ने एसएसपी को संबोधित ज्ञापन इंस्पेक्टर मड़ियांव नागेश मिश्रा को देकर पूरे प्रकरण की जांच उच्चाधिकारियों से करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किये जाने व पीड़ित परिवार, गवाहों के जानमाल की सुरक्षा किये जाने की मांग की है।
पीड़ित परिवार व गवाहों को धमकाने का आरोप –
ग्रामीणों के अनुसार बीते एक जनवरी की रात दबंगों ने एक जाति वर्ग की महिला के साथ बलात्कार किया था और इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था। आरोप है कि पीड़ित परिवार व गवाहों को सुलह समझौता करने के लिये डराया धमकाया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक बीते 20 फरवरी को आरोपियों ने घटना के गवाह को घर में घुसकर मारने-पीटने लगे और बीचबचाव करने पर उसकी पुत्रवधू के कपड़े भी फाड़ दिये व पार्टी कार्यकर्ता रामकेवल रावत को भी जान से मारने की धमकी दी। वहीं 22 फरवरी को झगड़े की आशंका पर पहुंची पुलिस ने एक दरोगा की मौजूदी में गवाहों को भी पीटा।