लखनऊ। सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने दोपहर तीन बजे काम बंद करके केजीएमयू के प्रशासनिक भवन के बाहर धरने पर बैठ गये आैर नारे बाजी करने लगे। इससे मेडिकोज व अन्य लोगों को कार्यालय संबंधी विभिन्न कामों में परेशानी का सामना करना पड़ा। धरना -प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अगले महीने से दो घंटे का पूर्ण कार्य बहिष्कार करने के लिए विवश होंगे। इस दौरान मरीजों को कि सी तरह की दिक्कत होती है तो इसके लिए केजीएमयू प्रशासन और शासन जिम्मेदार होगा।
शासन की ओर से केजीएमयू के कर्मचारियों को एसजीपीजीआई के समान वेतन एवं भत्ते देने का प्रावधान किया गया है। छह फरवरी 2019 को दिये गये आदेश में एसजीपीजीआई के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते देने का आदेश दे दिया गया है। ऐसे में केजीएमयू कुलसचिव ने भी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के समान भत्ते देने का प्रस्ताव भेजा। इस ब ीच शासन की ओर से शैक्षणिक संवर्ग को सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते देने की कार्यवाही शुूर कर दी गई, लेकिन गैर शैक्षणिक संवर्ग केकर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया। इसी बात को लेकर केजीएमयू केकर्मचारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि यह व्यवस्था लागू हुई तो कर्मचारियों में भेदभाव होगा। इसी बात को लेकर गुरुवार को तीन बजे सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया।
वे कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह के नेतृत्व में कुलसचिव कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो अगले चरण में कार्य बहिष्कार करेंगे। इस बीच केजीएमयू शिक्षक संघ ने भी कर्मचारियों के विरोध का समर्थन किया। उनका कहना है कि दोहरा मानक गलत है। प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से पदाधिकारी प्रदीप गंगवार, रामकुमार, संतोष कुमार, विजय यादव, राकेश यादव, पंकज, रामू, शिवकुमार आदि शामिल थे।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.