नई दिल्ली. सुबह का ब्रेकफास्ट बहुत ही हेल्दी माना गया है और सुबह के समय का नाश्ता करना सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद माना गया। इससिए डॉक्टर्स भी मॉर्निंग ब्रेकफास्ट करने की सलाह देते हैं। कई युवा अपने ब्रेकफास्ट में रोटी या परांठे के बजाय जंक फूड खाना पसंद करते हैं। सबसे ज्यादा तो लजीज और मसालेदार हॉट-डॉग को प्राथमिकता देते हैं। सभी जानते हैं कि इसमे न्यूट्रिशिंयस पाये जाने वाला कोई भी खाद्य-पदार्थ नहीं होता। किसी भी तरह से यह हेल्थ के लिए पोषित नहीं माना जाता।
यदि आप भी हॉट-डॉग खाने के बहुत शौकीन हैं तो ये भी जान लिजिए की इसे खाने के बाद से आपकी हेल्थ पर मंडराने लगेगा कैंसर का ख़तरा। हालांकि, अब तो बहुत से लोग इसे हेल्दी ब्रेकफास्ट समझ कर नाश्ते में अंडा, ब्रेड, दूध और कॉफी को हटाकर हॉट-डॉग का सेवन करने लगे हैं।
ल्यूकेमिया (Leukemia) नाम की घातक बिमारी से जूझना पड़ सकता है –
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी इंस्टिट्यूट कैंसर अनुसंधान के अनुसार कैंसर पर की गई रिसर्च में पाया गया कि महज पूरे दिन में एक हॉट-डॉग खाने से 21% तक पेट के कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि आप पूरे दिन के भीतर एक हॉट-डॉग भी खाते है तो कैंसर जैसी घातक बिमारी को दावत दे रहे हैं। इसके अलावा, 10 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे जो एक महीने में अधिक से अधिक 12 हॉट-डॉग खाते हैं तो वह कई बिमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इन बिमारियों में विशेषकर ल्यूकेमिया (Leukemia) नाम की घातक बिमारी से जूझना पड़ सकता है।
कैसे बनता है हॉट-डॉग –
इसके बनाने में सूअर के मास और चिकन का प्रयोग किया जाता है। चिकन और सूअर के मीट को मिक्स करके कई पाउडर की सहायत से मिलाकर मशीनों के जरिए स्लाइड में काटा जाता है। इसमे रसायन से भरे रसायन तत्वों और सिंथेटिक यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है, जो कई प्रकार के संक्रमण और कैंसर का कारण बन सकता है।