लखनऊ। मोहनलालगंज स्थित सांई अस्पताल में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अौचक छापा मारा। इस दौरान टीम को अस्पताल बिना पंजीकरण के अलावा अन्य ढेरों गंभीर खामियां मिली। पड़ताल कराने के बाद टीम ने अस्पताल को बंद करा दिया। मरीज अस्पताल में भर्ती थे,उन मरीजों को निकटतम सरकारी अस्पताल में भेज इलाज कराया जा रहा है। मोहनलालगंज क्षेत्र में पिछले काफी समय से बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे सांई अस्पताल की शिकायत मिल रही थी। शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल सीएमओ डा.सुनील कुमार रावत तथा डा.राजेंद्र चौधरी अपनी टीम के साथ निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान अस्पताल में न तो कोई डाक्टर मिला और न ही कोई प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद था। 15 बेड के इस अस्पताल में भर्ती मरीजों को इलाज भगवान भरोसे चल रहा था।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब कड़ाई से पूछताछ की। उसके बाद खुद को अस्पताल को मालिक बताने वाले राज किशोर ने बताया कि उन्नाव के सरकारी अस्पताल में तैनात डा. अजीत द्वारा पिछले दो साल से उनके अस्पताल में मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। आरोप है कि इसके बदले अस्पताल प्रशासन द्वारा डा.अजीत को प्रतिमाह 30 हजार रूपये बतौर परिश्रमिक दिया जाता है। इसके अलावा दो और डाक्टरों के नाम सामने आये, जिसमें से डा.अनुराग मिश्रा तथा डा.अभय कृष्णा भी अस्पताल में आकर मरीजों को देखते थे। डा.सुनील कुमार रावत ने बताया कि जिन दो चिकित्सकों के नाम अस्पताल संचालक ने बतायें हैं,उनमें से एक चिकित्सक का लाइसेंस पहले ही निरस्त किया जा चुका है। उसके बाद भी वह मरीजों को इलाज दे रहा था। उन्होंने बताया कि फिलहाल अस्पताल को बंद कर दिया गया है और वहां भर्ती चार मरीजों में से दो को सरकारी अस्पतालों में इलाज दिया जा रहा है,वहीं दो मरीजों को छुट्टी दे दी गयी है।