लखनऊ। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने का रिकार्ड योगी आदित्यनाथ के नाम से दर्ज हो चुका है। अगर वर्ष 2022 में यदि योगी के नेतृत्व में भाजपा फिर सत्ता में लौट आयी है, ऐसा 37 वर्ष बाद हुआ है। जब एक ही पार्टी की लगातार दो बार सरकार बनी है। इसके अलावा योगी 15 वर्ष में ऐसे मुख्यमंत्री हुए है। जो बतौर विधानसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीत रहे है।
वर्ष 1980 में भाजपा गठन के बाद यूपी में कल्याण सिंह के नेतृत्व में इस पार्टी की जून 1991 में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। मगर अयोध्या में विवादित ढांचा ढहा दिया गया। विध्वंस की घटना के कारण 18 महीने में ही भाजपा सरकार बर्खास्त हो गई। इसके बाद भाजपा ने बसपा को समर्थन दे मायावती के साथ दो बार गठबंधन की सरकार बनाई पहली बार मायावती के साथ भाजपा ने छह-छह महीने की सत्ता भागीदारी करते हुए 1997 में सरकार बनाई यह कार्यकाल 6 महीने चला।
छह महीने बाद सत्ता हस्तांतरण में कल्याण सिंह से मुख्यमंत्री बनने के एक महीने बाद ही मायावती ने समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा में आपसी विवाद होने पर कल्याण सिंह को हटा कर रामप्रकाश गुप्ता को में मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली। मगर वे एक वर्ष ही इस पद पर रहे सके। पार्टी नेतृत्व ने वर्ष 2000 में राजनाथ सिंह को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री रहते 2002 के चुनाव में भाजपा के अपने विधायकों की संख्या 88 पर पहुंच गयी। इस स्थिति में वर्ष 2003 में एक बार फिर भाजपा ने बसपा का समर्थन किया और मायावती तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। मगर यह गठबंधन भी 15 महीने ही चल पाया। भाजपा के समर्थन वापसी के कारण राज्य में मुलायम सिंह यादव के हाथ मुख्यमंत्री की कुर्सी लगी। इसके बाद भाजपा को 14 वर्ष बाद राज्य में सत्ता हाथ लगी। अचानक ही पार्टी नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया।
इस प्रकार तो वर्ष 1991 से वर्ष 2017 तक भाजपा के चार मुख्यमंत्री हुए। मगर इनमें से श्री योगी ही ऐसे जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया है। इतना
ही नहीं वर्ष 2022 में यदि इस चुनाव में भाजपा सत्ता में लौट आयी है ,तो योगी के खाते में बतौर मुख्यमंत्री पार्टी को फिर सरकार बनाने की स्थिति में लाने का एक और रिकार्ड दर्ज हो गया।
यही नहीं राज्य में 37 साल बाद किसी पार्टी के खाते में लगातार दो बार सरकार बनाने की उपलब्धि भी दर्ज होगी। इसके पहले यह रिकार्ड कांग्रेस पार्टी के खाते में दर्ज है, जिसका श्रेय तत्कालीन मुख्यमंत्री सरकार का 22 महीने प्रतिनिधित्व नारायण दत्त तिवारी (अब स्वर्गीय) को है। कांग्रेस ने 1980 के बाद 1985 में हुए विस चुनाव में लगातार दूसरी बार में पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी थी। इसके बाद वर्ष 1991 में भाजपा, 1993 में सपा-बसपा गठबंधन, 1995 में बसपा-भाजपा की सरकार बनी। वर्ष 1997 में बसपा-भाजपा, अक्टूबर 1997 में भाजपा और लोकतांत्रिक कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी ,जो 2002 तक चली साल 2003 में बसपा-भाजपा और फिर समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। वर्ष 2007 में बसपा 2012 में सपा तो 2017 में भाजपा की पूर्ण सरकार बनी।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के जरिए 15 साल में पहला मौका होगा, जबकि कोई सीधे जनता से चुना गया प्रतिनिधि मुख्यमंत्री बनेगा। सरकार बनाने की दौड़ में भाजपा के बाद सपा को ही मुख्य रूप से माना जा रहा है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव दोनों ही चुनावी जंग में उतरे हैं। इसके पहले साल 2007 साल 2012 और 2017 में बने मुख्यमंत्री विधानसभा के सदस्य नहीं रहे। इन्हें विधान परिषद से नुमाइंदगी लेनी पड़ी।